डेनमार्क में अब लोगों के घर डाक से नहीं आएगी चिट्ठी, 400 साल पुरानी सेवा बंद करने की घोषणा
डिजिटल युग के बढ़ते प्रभाव के बीच डेनमार्क की डाक सेवा एक महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रही है। देश की राज्य संचालित डाक सेवा पोस्टनार्ड ने 2025 के अंत तक पारंपरिक पत्र वितरण सेवा को बंद करने की घोषणा की है। इससे 400 साल पुरानी व्यवस्था का अंत हो जाएगा। ईमेल और अन्य डिजिटल संचार माध्यमों ने परंपरागत पत्रों की जगह ले ली है।

एपी, कोपेनहेगन। डिजिटल युग के बढ़ते प्रभाव के बीच डेनमार्क की डाक सेवा एक महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रही है। देश की राज्य संचालित डाक सेवा पोस्टनार्ड ने 2025 के अंत तक पारंपरिक पत्र वितरण सेवा को बंद करने की घोषणा की है। इससे 400 साल पुरानी व्यवस्था का अंत हो जाएगा।
पार्सल वितरण जारी रहेगा
अब लोगों के घर डाक से चिट्ठी नहीं आएगी, हालांकि, पार्सल वितरण जारी रहेगा। पोस्टनार्ड ने इस फैसले के पीछे मुख्य कारण पत्रों की मात्रा में भारी गिरावट को बताया है। 21वीं सदी की शुरुआत से पत्रों की संख्या में 90 प्रतिशत की कमी आई है। क्योंकि ईमेल और अन्य डिजिटल संचार माध्यमों ने परंपरागत पत्रों की जगह ले ली है।
पत्र सेवा अब लाभदायक नहीं रही
कंपनी का कहना है कि पत्र सेवा अब लाभदायक नहीं रही। डेनमार्क और स्वीडन को सेवाएं देने वाली सरकारी एजेंसी पोस्टनार्ड ने गुरुवार को इस बदलाव की घोषणा की। वर्ष की दूसरी छमाही में पूरे डेनमार्क में लगभग 1,500 मेलबाक्स हटा दिए जाएंगे और डेनमार्क के लोग टिकटों के लिए रिफंड मांग सकते हैं। अनुमान है कि इस वर्ष पोस्टनार्ड के 4,600 कर्मचारियों में से 1,500 को नौकरी से निकाल दिया जाएगा।
एजेंसी ने कहा कि स्वीडन में पत्र वितरण पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पोस्टनार्ड ने कहा कि डेनमार्क में 2000 के बाद से पत्रों की संख्या में 90 प्रतिशत की कमी आई है और 2024 में पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है।
दुनिया भर में बढ़ रहा डिजिटल माहौल
एजेंसी ने डेनमार्क और दुनिया भर में बढ़ते डिजिटल माहौल और 2024 के डेनिश कानून को डाक की लागत बढ़ाने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। पोस्टनार्ड डेनमार्क के मुख्य कार्यकारी किम पेडरसन ने कहा कि हम 400 वर्षों से डेनमार्क की डाक सेवा रहे हैं, अब पत्र वितरण सेवा समाप्त करना एक कठिन निर्णय है।
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