Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इकोनॉमिक्स के नोबेल पुरस्कारों का हुआ एलान, दो अमेरिकी और एक ब्रिटिश प्रोफेसर को मिला प्राइज

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 04:22 PM (IST)

    रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने 2025 के इकोनॉमिक्स के नोबेल पुरस्कारों का एलान किया। यह पुरस्कार तीन प्रोफेसरों को इनोवेशन से होने वाले आर्थिक विकास पर रिसर्च के लिए दिया गया है। संस्था ने आर्थिक विकास को हल्के में न लेने की बात कही। यह पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में दिया जाता है, जिसकी शुरुआत 1969 में हुई थी।

    Hero Image

    जोएल मोकिर, फिलिप अघियन और पीटर हॉविट को प्राइज

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने इकोनॉमिक्स कैटेगरी में साल 2025 के नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा कर दी है। ये पुरस्कार दो अमेरिकी और एक ब्रिटिश प्रोफेसर को मिला है। इन्हें इनोवेशन से होने वाले आर्थिक विकास पर रिसर्च के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने सोमवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि जोएल मोकिर, फिलिप अघियन और पीटर हॉविट को 2025 के इकोनॉमिक्स के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। मेडिकल, फिजिक्स, केमेस्ट्री, पीस और साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कारों की घोषणा पिछले सप्ताह की गई थी।

    1969 में दिया गया आर्थिकी का पहला नोबेल

    नोबेल प्राइज देने वाली संस्था ने कहा, 'पुरस्कार विजेताओं ने हमें सिखाया है कि निरंतर विकास को हल्के में नहीं लिया जा सकता। अधिकांश मानव इतिहास में आर्थिक ठहराव, विकास नहीं, सामान्य बात रही है। उनके कार्य से पता चलता है कि हमें निरंतर विकास के लिए खतरों के प्रति सचेत रहना चाहिए और उनका प्रतिकार करना चाहिए।'

    बता दें कि नोबेल पुरस्कार स्वीडिश वैज्ञानिक और डाइनामाइट के अविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में दिए जाते हैं। केवल विश्व युद्ध के कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए, तो यह पुरस्कार 1901 से लगातार दिए जा रहे हैं। हालांकि इकोनॉमिक्स के लिए नोबेल सबसे पहले 1969 में दिया गया।

    तब इसे नॉर्वे के राग्नार फ्रिस्क और नीदरलैंड के जान टिनबर्गेन ने गतिशील आर्थिक मॉडलिंग में काम के लिए दिया गया था। वहीं पिछले साल का इकोनॉमिक्स का नोबेल अमेरिका स्थित शिक्षाविदों साइमन जॉनसन, जेम्स रॉबिन्सन और डैरन ऐसमोग्लू को उनके शोध के लिए दिया गया था। इन्होंने एक रिलेशन स्थापित किया था, जिससे यह समझाया जा सकता था कि कुछ देश दशकों से गरीबी में क्यों फंसे हुए हैं।

    (न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ)