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असम एनआरसी ड्राफ्ट पर बांग्‍लादेश ने पल्‍ला झाड़ा, कहा- हमारा कोई लेना-देना नहीं

असम एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट के मुताबिक आवेदन किए गए कुल 3.29 करोड़ लोगों में 2,89,83,677 लोगों को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में शामिल किया गया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 01 Aug 2018 09:33 AM (IST)Updated: Wed, 01 Aug 2018 11:40 AM (IST)
असम एनआरसी ड्राफ्ट पर बांग्‍लादेश ने पल्‍ला झाड़ा, कहा- हमारा कोई लेना-देना नहीं
असम एनआरसी ड्राफ्ट पर बांग्‍लादेश ने पल्‍ला झाड़ा, कहा- हमारा कोई लेना-देना नहीं

ढाका, एएनआइ। असम पर नेशनल रजिस्‍टर ऑफ सिटीजन(एनआरसी) का फाइनल ड्राफ्ट राष्‍ट्रीय मुद्दा बन गया है। देश में इस मुद्दे पर जमकर राजनीति हो रही है। इस बीच बांग्‍लादेश के सूचना प्रसारण मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि एनआरसी के ड्राफ्ट के बाद जिन 40 लाख लोगों पर नागरिकता की तलवार लटक रही है, उनसे बांग्‍लादेश का कोई लेना-देना नहीं है। बांग्‍लादेश का कहना है कि असम में जिन लोगों को घुसपैठिया कहा जा रहा है, उन्‍हें बांग्‍लादेशी नागरिक कहना गलत है।

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एनआरसी के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए बांग्‍लादेश के सूचना प्रसारण मंत्री हसानुल हक इनू ने कहा, 'देखिए, ये बात सभी जानते हैं कि असम में यह एक शताब्दी पुराना नस्लीय टकराव है। पिछले 48 सालों में किसी भी भारतीय सरकार ने बांग्लादेश के साथ अवैध प्रवास का मुद्दा नहीं उठाया है। इस स्थिति को नई दिल्ली में मोदी सरकार द्वारा सुलझाना चाहिए जो कि विवेकपूर्ण तरीके से इससे निपटने में सक्षम हैं। इन लोगों का बांग्लादेश के साथ कोई लेना-देना नहीं है।'

बांग्लादेश के मंत्री से जब भारत में रह रहे अवैध नागरिकों को वापस लेने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी इस पर कुछ भी बोला नहीं जा सकता है। हक इनू ने कहा, 'अभी तक भारत ने एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट लिस्‍ट को हमारे साथ साझा नहीं किया है और न ही इस मुद्दे को उठाया है। जब तक भारत ऐसा नहीं करते, हम इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं।' साथ ही उन्होंने कहा कि आप सभी बांग्ला बोलने वाले लोगों को बांग्लादेश से नहीं जोड़ सकते हैं।

बता दें कि असम एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट के मुताबिक आवेदन किए गए कुल 3.29 करोड़ लोगों में 2,89,83,677 लोगों को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में शामिल किया गया है। इसमें 40 लाख लोगों को अवैध भारतीय नागरिक माना गया है। हालांकि अभी वह अपनी दावेदारी और आपत्ति जता सकते हैं।


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