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    भारत और इजरायल दोनों आतंकवाद से पीड़ित बोले नवनियुक्त राजदूत नाओर गिलोन

    By Pooja SinghEdited By:
    Updated: Fri, 29 Oct 2021 07:10 AM (IST)

    भारत में इजरायल के नवनियुक्त राजदूत नाओर गिलोन ने कहा है कि इजरायल भी भारत की तरह आतंकवाद का बड़ा पीड़ित है और इस खतरे से निपटने में वह अपनी क्षमताओं को साझा कर रहा है। चरमपंथ वास्तव में दुनियाभर के लिए खराब है।

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    भारत और इजरायल दोनों आतंकवाद से पीड़ित बोले नवनियुक्त राजदूत नाओर गिलोन

    नई दिल्ली, एएनआइ। भारत में इजरायल के नवनियुक्त राजदूत नाओर गिलोन ने कहा है कि इजरायल भी भारत की तरह आतंकवाद का बड़ा पीड़ित है और इस खतरे से निपटने में वह अपनी क्षमताओं को साझा कर रहा है।समाचार एजेंसी एएनआइ को दिए साक्षात्कार में गिलोन ने कहा कि आतंकवाद एक ऐसी बीमारी है जो हमारे क्षेत्र को विशेष रूप से प्रभावित कर रही है, लेकिन चरमपंथ वास्तव में दुनियाभर के लिए खराब है।

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    दुर्भाग्य से इजरायल भी भारत जैसा बड़ा पीड़ित है। हमने आतंकवाद से लड़ने के लिए अपनी विधियों और इसकी क्षमताओं को विकसित किया है और हम इसे सामान्य रूप से देशों और विशेष रूप से भारत के साथ साझा करके बहुत खुश हैं और हम एक साथ काम कर रहे हैं। हमें आतंकवाद को खत्म करना है, लोगों को एक-दूसरे से बात करनी है, न कि एक दूसरे को मारना है। उन्होंने कोरोना के 100 करोड़ टीके लगाने के लिए भारत को बधाई भी दी।

    उधर, भारत ने अफ्रीका महाद्वीप के देशों का समर्थन बिना शर्त और छिपे हुए उद्देश्य के बगैर किया है। भारत का यह रुख दशकों से बना हुआ है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन पर कटाक्ष करते हुए यह बात सुरक्षा परिषद की खुली बहस में कही है। इसमें संयुक्त राष्ट्र और अफ्रीकन यूनियन के संबंधों पर बहस हो रही थी।

    सुरक्षा परिषद में चीनी प्रतिनिधि की मौजूदगी में जयशंकर ने कहा, भारत ने अफ्रीकी देशों की प्राथमिकताओं, उनकी सहूलियत और इच्छा को ध्यान में रखते हुए साथ कार्य किया है। हमारा विश्वास है कि अफ्रीका का विकास वास्तविक और सही मायनों में बहुध्रुवीय व्यवस्था वाली मान्यता के अनुसार होना चाहिए। भारत अफ्रीकी देशों के इस तरह के विकास में सहयोग देने के लिए संकल्पबद्ध है। विदेश मंत्री ने कहा, भारत ने अफ्रीकी देशों के साथ बिना शर्त कार्य किया है। भारत की अफ्रीका के प्रति सद्भावना 41 अफ्रीकी देशों में चल रहीं 184 परियोजनाओं में देखी जा सकती है। इनमें से कुछ परियोजनाएं दशकों से चल रही हैं।