Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नेपाल की संसद में घुसे Gen-Z प्रदर्शनकारी, पुलिस फायरिंग में 14 की मौत; देर रात तक कर्फ्यू का आदेश

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 04:46 PM (IST)

    नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने के बाद काठमांडू घाटी समेत कई शहरों में युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियो ...और पढ़ें

    Hero Image
    प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर और गेट फांदकर न्यू बानेश्वर स्थित संघीय संसद परिसर में धावा बोल दिया।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेपाल सरकार की ओर से कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर रोक लगाए जाने के बाद सोमवार को राजधानी काठमांडू घाटी सहित देश भर के कई शहरों में गुस्साए युवा विरोध प्रदर्शन करते हुए नेपाल की संसद में घुस गए। इस दौरान पुलिस की गोलीबारी में कम से कम 14 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    3 पत्रकार गोली लगने से घायल

    पुलिस ने पूरे इलाके में कर्फ्यू लगाया हुआ है। नेपाली अखबार रिपब्लिका के मुताबिक, युवा प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस की ओर से हवा में गोलियां चलाने और दर्जनों रबर की गोलियों का इस्तेमाल करने से कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई, तीन पत्रकार घायल हो गए और सैकड़ों अन्य घायल हो गए।

    जानकारी के अनुसार, एक पत्रकार श्याम श्रेष्ठ को भी गोली लगी है, जिसका सिविल हॉस्पिटल में उपचार हो रहा है। वहीं, अब हालात बिगड़ते देख सेना ने मोर्चा संभाल लिया है और प्रदर्शनकारियों को हटाना शुरू कर दिया है।

    उधर, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर और गेट फांदकर न्यू बानेश्वर स्थित संघीय संसद परिसर में धावा बोल दिया। प्रदर्शनकारियों ने पहले शांति बनाए रखने का संकल्प लिया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। इसके बाद हालात बेकाबू हो गए।

    गौरतलब है कि प्रधानमंत्री केपी ओली की सरकार ने चार सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, वॉट्सऐप, रेडिट और X जैसे 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन लगा दिया था।

    यह भी पढ़ें: नेपाल में Whatsapp समेत 26 एप पर प्रतिबंध के खिलाफ बंद, सीमावर्ती भारतीय राज्य के लोगों को भी हो रही परेशानी

    ओली ने युवाओं को दिया अल्टीमेटम

    नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने युवाओं के प्रदर्शन पर चेतावनी देते हुए कहा है कि उन्हें मालूम होना चाहिए कि प्रदर्शन की क्या कीमत चुकानी पड़ती है। 

    नेपाली अखबार द हिमालयन के मुताबिक,  नेपाल की सरकार ने कहा है कि सोशल मीडिया पर लगे बैन को तब हटाया जाएगा जब फेसबुक, यूट्यूब सरीखे कंपनियां नेपाल में अपना दफ्तर नहीं खोल लेती हैं।

    ओली सरकार का कहना है कि सोशल मीडिया सेवाएं देने वाली कंपनियां नेपाल में आकर रजिस्ट्रेशन कराएं और धांधली और गड़बड़ी को रोकने के लिए एक सिस्टम तैयार करे। गौरतलब है कि नेपाल में अब तक सिर्फ टिकटॉक, वाइबर, निम्बज, विटक और पोपो लाइव ने ही कंपनी रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्ट्रेशन कराया है।

    किसे कहते हैं Gen-Z?

    Gen-Z यानी जेनरेशन Z उन लोगों के लिए इस्तेमाल होता है जो लगभग 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए हैं। यह पीढ़ी डिजिटल तकनीक, इंटरनेट और सोशल मीडिया के युग में बड़ी हुई है, इसलिए इसे 'डिजिटल नेटिव्स' भी कहा जाता है।

    Gen-Z तकनीकी रूप से ज्यादा दक्ष होते हैं। यानी वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम, यूट्यूब और टिकटॉक पर ज्यादा सक्रिय रहते हैं, जहां वे मीम्स, ट्रेंडिंग चैलेंज और डिजिटल कंटेंट क्रिएशन में रुचि दिखाते हैं। इसके अलावा यह पीढ़ी अपने खुले सोच और नई चीजों को अपनाने के जानी जाती है।

    यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल में रेत तस्करी मामले में बड़ा एक्शन, ED ने 22 ठिकानों पर की छापामारी