Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    India and Nepal Relation : हाथ मलता रहा चीन, भारत से दोस्ती को लेकर नेपाल के PM देउबा ने कही ये बात

    By Ramesh MishraEdited By:
    Updated: Mon, 19 Jul 2021 11:34 PM (IST)

    उन्होंने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर दोनों देशों के संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने की ओर तेजी से कदम बढ़ाए जाएंगे। भारत ने भी नेपाल की तरफ गर्मजोशी से हाथ बढ़ाया है। उनके इस बयान से चीन को मिर्ची लगी है।

    Hero Image
    हाथ मलता रहा चीन, भारत से दोस्ती को लेकर नेपाल के PM देउबा ने कही ये बात। फाइल फोटो।

    काठमांडू, एजेंसी। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने सदन में विश्वास मत हासिल करने के बाद सबसे पहली प्राथमिकता भारत के साथ संबंधों को मजबूत बनाने की जताई है। उन्होंने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर दोनों देशों के संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने की ओर तेजी से कदम बढ़ाए जाएंगे। भारत ने भी नेपाल की तरफ गर्मजोशी से हाथ बढ़ाया है। नेपाली प्रधानमंत्री देउबा के विश्वास मत हासिल करने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ट्विटर पर बधाई दी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद देउबा आधिकारिक तौर पर पांचवीं बार देश के प्रधानमंत्री बन गए। प्रधानमंत्री देउबा का कार्यकाल कैसा रहेगा। क्‍या उनके आने से नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता का दौर खत्‍म हो जाएगा। ऐसे में जाहिर है कि नई परिस्थितियों में शेर बहादुर देउबा के सामने जटिल चुनौतियां होंगी। आखिर देउबा के समक्ष क्‍या होगी चुनौती। उनके प्रधानमंत्री बनने से कैसे होंगे नेपाल और भारत के रिश्‍ते।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    देउबा बोले भारत के साथ संबंध के इच्‍छुक

    नेपाल के प्रधानमंत्री देउबा ने मोदी की बधाई स्वीकार करते हुए जवाब में कहा कि मैं आपके साथ काम करके दोनों देशों और जनता के बीच मजबूत संबंध स्थापित करना चाहता हूं।' उल्लेखनीय है कि निचले सदन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बहाल करने के बाद नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेरबहादुर देउबा ने अन्य दलों के सहयोग से आसानी से विश्वास मत हासिल कर लिया है। इस तरह से नेपाल में कोरोना महामारी के बीच देश चुनाव में जाने से बच गया है। अब देश में छह महीने में ही चुनाव के बजाय सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। देउबा पांचवी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं। ज्ञात हो कि इससे पहले नेपाल की कमान नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के केपी शर्मा ओली के हाथों में थी, इन पर चीन का प्रभाव रहता है। इसी कारण कुछ मुद्दों पर भारत से टकराव की भी स्थिति रही।

    ओली के कार्यकाल में भारत-नेपाल रिश्‍तों में खटास

    अगर नेपाल और भारत के साथ रिश्‍तों में देखें तो केपी ओली के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच खटास पैदा हुई थी। दोनों देशों के बीच कई विवादित मुद्दों पर टकराव की स्थिति उत्‍पन्‍न हुई थी। ओली की गिनती चीन के समर्थक के रूप में है, वह भारत के विरोधी रहे हैं। उससे कई बार ये भी साफ हुआ कि वो सीधे-सीधे चीन के इशारों पर काम कर रहे हैं। ओली को बचाने की चीन ने भी अपने स्तर पर कई कोशिशें कीं। पहले प्रचंड और ओली में सुलह कराने की कोशिश, फिर राष्ट्रपति के साथ चीनी प्रतिनिधियों की बैठकें।

    नेपाल के विवादित नए नक्शे को मंजूरी दी

    15 फरवरी 2018 को केपी शर्मा ओली नेपाल के दूसरी बार प्रधानमंत्री बने थे। इसके बाद से उनके कार्यकाल के दौरान भारत के साथ नेपाल के रिश्ते सबसे खराब दौर से गुजरे। 20 मई 2020 को ओली कैबिनेट ने नेपाल के विवादित नए नक्शे को मंजूरी दी। इसे ही भारत-नेपाल संबंधों के बिगड़ने का सबसे बड़ा कारक माना जाता है। इस नक्शे में भारत के कालापानी, लिपु लेख और लिंपियाधुरा को नेपाल में दिखाया गया था। भारत ने इस नक्शे का विरोध करते हुए डिप्लोमेटिक नोट सौंपा और इसे ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करार दिया।