Nepal Protests: जेन-जी प्रदर्शन में एक भारतीय समेत 51 लोगों की मौत, होटल इंडस्ट्री के अरबों रुपये स्वाहा
नेपाल में जेन जेड आंदोलन के दौरान अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है जिसकी पुष्टि नेपाल पुलिस ने की है। मृतकों में तीन पुलिसकर्मी एक भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक शामिल हैं। 36 शवों का पोस्टमार्टम महाराजगंज स्थित त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल में शुरू हो गया है। पुलिस के अनुसार झड़प और हिंसक घटनाओं के कारण इतनी बड़ी संख्या में जानें गईं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जेन-जेड आंदोलन के दौरान अब तक देशभर में 51 लोगों की मौत हो चुकी है। नेपाल पुलिस ने पुष्टि की है। इसके अलावा होटल इंडस्ट्री को भारी नुकसान हुआ है।
पुलिस के संयुक्त प्रवक्ता रमेश थापा ने बताया कि मृतकों में तीन पुलिसकर्मी, एक भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक भी शामिल हैं।
शवों का पोस्टमार्टम शुरू किया गया
जानकारी के अनुसार, 36 मृतकों के शव महाराजगंज स्थित त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल में रखे गए हैं। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि महाराजगंज में शुक्रवार से मृतकों का पोस्टमार्टम शुरू कर दिया गया है।
झड़प और हिंसा ने लील ली इतनी जिंदगियां
नेपाली पुलिस सूत्रों का कहना है कि आंदोलन के दौरान झड़प और हिंसक घटनाओं के कारण इतनी बड़ी संख्या में जानें गईं। हालात को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों को चौक-चौराहों पर तैनात किया गया है। लगातार निगरानी रखी जा रही है।
होटल इंडस्ट्री को अरबों रुपये का नुकसान
नेपाल के होटल उद्योग को लगभग 25 अरब नेपाली रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। ये इंडस्ट्री पर्यटन से प्रेरित अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण राजस्व अर्जित करती है। होटल एसोसिएशन नेपाल (एचएएन) की ओर से जारी एक बयान के हवाले से माई रिपब्लिका न्यूज पोर्टल ने बताया कि सबसे अधिक नुकसान काठमांडू स्थित हिल्टन होटल को हुआ है, जहां अकेले 8 अरब रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
इसमें कहा गया है कि काठमांडू घाटी, पोखरा, बुटवल, भैरहवा, झापा, विराटनगर, धनगढ़ी, महोत्तरी और डांग-तुलसीपुर में अन्य प्रमुख घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के होटलों को भी हिंसा का खामियाजा भुगतना पड़ा।
एचएएन ने कहा कि कई प्रभावित होटल मरम्मत और पुनर्निर्माण के बिना परिचालन फिर शुरू नहीं कर पाएंगे, जिससे 2,000 से अधिक श्रमिकों की नौकरियां प्रभावित होंगी।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
यह भी पढ़ें- Gen-Z Protest: 17 साल का एकांत और फिर एक्टिव हुए ज्ञानेंद्र... क्या नेपाल में फिर राजशाही लौटेगी?
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।