पाकिस्तान को नेपाल की दो टूक, कहा- अनुच्छेद-370 को हटाना भारत का आंतरिक मामला
Abrogation of Article-370 is Indias internal matter नेपाल ने पाकिस्तान को साफ साफ लफ्जों में कहा है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाना भारत का अंदरूनी मसला है।
माले, एएनआइ। Abrogation of Article 370 is India,s internal matter अनुच्छेद-370 को हटाने से बौखलाए पाकिस्तान को झटके पर झटका लग रहा है। अब पड़ोसी देश नेपाल ने साफ लफ्जों में पाकिस्तान से कह दिया है कि उसे कश्मीर के मसले पर ज्यादा उछलने की जरूरत नहीं है। 'जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाना भारत का अंदरूनी मसला है।' नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली (Pradeep Gyawali) ने मंगलवार को हिंद महासागर सम्मेलन (Indian Ocean Conference) से इतर कहा कि संविधान में बदलाव करना भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र का विषय है। इस बारे में किसी प्रकार की टिप्पणी उचित नहीं है।
ग्यावली ने कहा कि नेपाल सरकार उस इलाके में रह रहे अपने नागरिकों को लेकर चिंतित थी लेकिन हमें अब इस बात की खुशी है कि वे बिल्कुल सुरक्षित हैं। अब इस बारे में कोई समस्या नहीं है। नेपाल को उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सार्क (SAARC) के मौजूदा अध्यक्ष के तौर पर हम सभी सदस्य देशों से आग्रह करते हैं कि वे अपने विवादों को बातचीत के जरिए हल करें। नेपाल के विदेश मंत्री ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान को नसीहत देते हुए कहा कि तनाव बढ़ाना किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है।
विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली (Pradeep Gyawali) ने पाकिस्तानी के उन हुक्मरानों को भी नसीहत दी जो भारत को लगातार युद्ध की धमकियां देते फिर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बताने की जरूरत नहीं कि युद्ध सबसे खराब विकल्प है। इससे हर देश को बचना चाहिए। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि दोनों देशों के बीच तनाव कम होगा। क्षेत्र में शांति और स्थिरता को स्थापित करने के लिए बातचीत होगी।
इसलिए मुझे आशा है कि आशा की कुछ किरणें होंगी, जो तनाव को कम कर सकती हैं और फिर क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए बातचीत शुरू कर सकती हैं। बता दें कि पाकिस्तान अनुच्छेद-370 को हटाए जाने के बाद वैश्विक ताकतों का ध्यान आकर्षित करने के लिए लगातार तनावपूर्ण माहौल बनाए हुए है। पाकिस्तान ने बीते दिनों कश्मीर मसले पर मध्यस्थता के लिए अमेरिका को पहल करने की गुजारिश की थी। लेकिन, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने ही दो टूक कह दिया था कि कश्मीर पर उन्हें किसी देश के मध्यस्थता की जरूरत नहीं है। भारत इस मसले के लिए किसी भी देश को 'कष्ट' नहीं देगा।
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