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    Blast in Afghanistan : अफगानिस्तान के नंगरहार में हुआ भीषण बम विस्फोट, दो की मौत और 28 हुए घायल

    Blast in Afghanistan यह विस्फोट काबुल के एक सिख गुरुद्वारे में शनिवार को हुए बम विस्फोट के दो दिन बाद हुआ है। जिसमें शनिवार को कम से कम दो नागरिकों की मौत हो गई थी और सात अन्य घायल हो गए थे।

    By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Mon, 20 Jun 2022 05:40 PM (IST)
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    नंगरहार के घानी जिले के शिरगर बाजार में हुआ धमाका

    नंगरहार (अफगानिस्तान), एएनआइ। अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में सोमवार को भीषण ब्लास्ट हुआ है। इस बम विस्फोट में तालिबान के पांच सदस्यों सहित दो नागरिकों की मौत हो गई और 28 अन्य घायल हो गए। अफगानिस्तान के सरकारी टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार यह धमाका नंगरहार के घानी जिले के शिरगर बाजार में सुबह के दौरान हुआ।

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    विस्फोट का निशाना जिला स्वास्थ्य विभाग का मुखिया था। अज्ञात हमलावरों ने एक वाहन को निशाना बनाते हुए मैग्निटिक माइन का इस्तेमाल किया। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार अभी तक किसी ने विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है।

    यह विस्फोट काबुल के एक सिख गुरुद्वारे में शनिवार को हुए बम विस्फोट के दो दिन बाद हुआ है। इसमें शनिवार को कम से कम दो नागरिकों की मौत हो गई थी और सात अन्य घायल हो गए थे।

    इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) ने रविवार को गुरुद्वारा हमले की जिम्मेदारी ली है। ISKP ने एक बयान में कहा कि उन्होंने ही गुरुद्वारे में हमला किया है।

    तालिबान के शासन में अफगानिस्तान में बढ़ीं हिंसा

    बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद से विस्फोट और मानवीय हिंसा की घटनाएं बढ़ गईं हैं। विस्फोट और नियमित हमले मानवाधिकारों के उल्लंघन के साथ एक नियमित मामला बन गया है जिसमें नागरिकों की निरंतर हत्या, मस्जिदों और मंदिरों को नष्ट करना, महिलाओं पर हमला करना और क्षेत्र में आतंक को बढ़ावा देना शामिल है।

    गौरतलब है कि तालिबान शासन में अफगानिस्तान अपने सबसे खराब मानवीय संकट का सामना कर रहा है, जिसमें आधी से अधिक आबादी को मानवीय सहायता की आवश्यकता है। देश में आठ मिलियन से अधिक लोग भूख से मर रहे हैं।

    तालिबान अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने के लिए बेताब हैं, उन्हें बार-बार याद दिलाया जा रहा है कि महिलाओं और मानवाधिकारों का सम्मान एक समावेशी सरकार की स्थापना और आतंकवाद की निंदा अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा निर्धारित मान्यता के लिए पूर्व शर्त हैं।