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    'AI बेहतरी के लिए होना चाहिए, बंधक बनाने के लिए नहीं', एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड में बोले मुख्तार अब्बास नकवी

    Updated: Sat, 30 Nov 2024 06:01 PM (IST)

    Education Excellence Award पूर्व कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कुवैत में आयोजित एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड 2024 में शिरकत की। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज सब अपनी काबिलियत की जगह ऑर्टिफिशियल स्किल की भगदड़ में भागते दिख रहे हैं। उनका मानना है कि यह सुविधाएं हमारी काबिलियत की बेहतरी के लिए होनी चाहिए बंधक बनाने के लिए नहीं।

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    मुख्तार अब्बास नकवी ने एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड 2024 को संबोधित किया।

    कुवैत। भारत सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री, वरिष्ठ भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि गुरुकुल से लेकर गूगल तक भारत का स्वर्णिम सफल सफर देश की आध्यात्मिक ताकत और आधुनिक तकनीक के संस्कार का परिणाम है। उन्होंने कुवैत में आयोजित "एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड 2024" को सम्बोधित करते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी के टॉवर और आध्यात्मिक पावर ने भारत को शिक्षा की शक्तिपीठ बनाया है।

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    नकवी ने कहा कि गूगल और ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में व्यापारिक घराने, सरकारी सिस्टम, मीडिया, राजनीतिक दल, फिल्म उद्योग, शैक्षणिक संस्थान, कृषि क्षेत्र आदि अपनी क़ाबिलियत की जगह ऑर्टिफिशियल कौशल की अंधी भगदड़ में भागते दिख रहे हैं। आज ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और गूगल जैसे प्लेटफॉर्म से वास्तविक काबिलियत का मुक़ाबला नही किया जा सकता, यह सुविधाएं हमारी काबिलियत की बेहतरी के लिए होनी चाहिए बंधक बनाने के लिए नहीं।

    'संघर्ष की भट्टी में तप कर निकलता है नेतृत्व'

    मुख्तार अब्बास नकवी ने अपने संबोधन में कहा, 'नेतृत्व संघर्ष की भट्टी में तप कर और समस्याओं की कसौटी में कस कर निकलता है। महात्मा गांधी, नेल्सन मंडेला, लिंकन, मार्टिन लूथर, मदर टेरेसा, मार्गरेट थैचर, इंदिरा गाधी, डॉक्टर अंबेडकर, दीनदयाल उपाध्याय, डॉक्टर लोहिया, डॉक्टर एपीजे कलाम, अटल बिहारी वाजपेयी, श्री नरेंद्र मोदी जैसे व्यक्तित्व संघर्ष, संकट की कोख से पैदा हुए, जिन्होंने अपने देश का नेतृत्व भी किया और नए नेतृत्व की पौध भी लगाई। विश्व की ये सभी काबिल शख्सियत और नेतृत्व किसी ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के टॉवर से नहीं बल्कि ओरिजिनल इंटेलिजेंस की पावर से पैदा हुए हैं।'

    उन्होंने कहा, 'भारत लोकतंत्र की शक्तिपीठ और सर्वे भवन्तु सुखिनः की कर्मभूमि है। यह किसी गूगल गाइड या ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जादू से नहीं बल्कि भारत की सदियों पुरानी गुरुकुल के गुरूमंत्र से है। गूगल- ए.आई. के ग्लैमर तंत्र की जुगलबन्दी काबिलियत की ताक़त को मजबूत करने के लिए होनी चाहिए।

    स्थिर सरकार वक्त की जरूरत: नकवी

    भारतीय संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा के पूर्व उपनेता नकवी ने कहा कि दुनिया की उथल-पुथल के बीच भारत या दुनिया के किसी लोकतंत्र के लिए स्टेबल सरकार और कैपेबिल नेतृत्व वक्त की ज़रूरत है, जो दुनिया के संकट-कंटक को पछाड़कर देश के सामाजिक,आर्थिक, सांस्कृतिक सशक्तिकरण के साथ-साथ दुनिया और मानवता की शान्ति, सुरक्षा के सार्थक समाधान का सारथी बन सके।

    मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'मुझे खुशी है कि भारत सहित दुनिया के कई लोकतान्त्रिक देशों में समस्याओं और संघर्ष के बीच कई प्रभावशाली नेतृत्व उभर रहे हैं, कुछ दिन पहले मैंने अमेरिका की एक 34 वर्षीय डेमोक्रेटिक महिला सांसद ओकेसिओ कार्टेज के बारे में पढ़ा, जिनका छोटा सा राजनीतिक सफ़र बड़ी समस्याओ, संकटों, संघर्षों की मिसाल है। छोटी सी नौकरी पेशा पिता की कैंसर से मौत, माता का जीविकोपार्जन के लिए लोगों के घरों में साफ-सफाई का काम, स्कूल लोन से पढ़ाई और जीविका के लिए वेट्रेस का काम करने वाली चुनौतीपूर्ण ज़िन्दगी वाली अमेरिकन सांसद कार्टेज संघर्ष को संकल्प और संकल्प को सफलता बनाने में बदलने की जीती जागती मिसाल हैं।'

    'नेतृत्व गढ़ने के गुण से पहचाना जाता है नेता'

    नकवी ने कहा कि नेता समर्थकों की गिनती से नहीं नेतृत्व गढ़ने के गुण से पहचाना जाता है, दुनियाभर के लोकतंत्र का इतिहास गवाह है कि जिन देशों में नेतृत्व की नई प्रामाणिक पौध लगना बन्द हो गई, वहां के लोकतंत्र की ज़मीन बंजर होने लगी। प्रजातंत्र की जमीन उपजाऊ बनाने के लिए लोकतंत्र की जुताई, निराई, गुड़ाई वाली मेहनतकश फौज़ तैयार करनी होगी, यह काम किसी "ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धि ) के टशन से नहीं बल्कि क़ाबिल नेतृत्व निर्माण के मिशन" से होगा।