जिबूती सिटी (जिबूती), एजेंसी। जिबूती की पहली यात्रा पर आए विदेश और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने गुरुवार को चांसरी का दौरा किया और दूतावास के अधिकारियों के साथ बातचीत की।

जिबूती में भारतीय दूतावास के आधिकारिक हैंडल ने ट्विटर पर लिखा, माननीय @MOS_MEA ने चांसरी का दौरा किया और दूतावास के अधिकारियों के साथ बातचीत की। @MEAIndia @SecretaryCPVOIA @IndianDiplomacy

मंत्री बुधवार को अपने पहले दौरे पर हॉर्न ऑफ अफ्रीका देश पहुंचे। जिबूती में किसी निवासी दूतावास के खुलने के बाद यह भारत की ओर से पहली मंत्री स्तरीय यात्रा है।

जिबूती में भारत के आधिकारिक खाते ने ट्वीट किया, एच.ई. @MOS_MEA आज अपनी पहली यात्रा पर जिबूती पहुंचे। यहां एक निवासी दूतावास के खुलने के बाद भारत की ओर से यह पहली मंत्रिस्तरीय यात्रा भी है। उनका दोनों राजदूतों @indiaindjibouti और @djibembindia द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

MoS मुरलीधरन देश की अपनी पहली यात्रा में 21-22 सितंबर तक जिबूती के आधिकारिक दौरे पर हैं।

यात्रा के दौरान, MoS जिबूती के प्रधानमंत्री अब्दुलकादर कामिल मोहम्मद से मुलाकात करेंगे और विदेश मंत्री, महमूद अली यूसुफ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ पारस्परिक हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत करेंगे, विदेश मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि, राजनयिक और आधिकारिक/सेवा पासपोर्ट धारकों के लिए वीज़ा आवश्यकता से छूट पर एक समझौता; और सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस (SSIFS) और जिबूती के इंस्टीट्यूट ऑफ डिप्लोमैटिक स्टडीज (IDS) के बीच समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे।

MoS जिबूती नेतृत्व और भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत करेगा।

भारत और जिबूती ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों के आधार पर गर्म और मैत्रीपूर्ण संबंध साझा करते हैं। जिबूती ने 2015 में युद्धग्रस्त यमन से भारतीय नागरिकों को निकालने में असाधारण समर्थन दिया (ऑपरेशन राहत)।

ऑपरेशन राहत के तहत भारत ने यमन से करीब 5,600 लोगों को निकाला। 2015 में, यमनी सरकार और हौथी विद्रोहियों के बीच संघर्ष छिड़ गया।

जिबूती में एक बड़ा भारतीय समुदाय रहता है। इस यात्रा से भारत और जिबूती के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और गति मिलने की उम्मीद है।

Edited By: Versha Singh