बांग्लादेश में भीड़ हिंसा बन गई है एक गंभीर समस्या, बीएनपी पार्टी ने जताई चिंता; कहा- इस पर अंकुश लगाना जरूरी
बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि यदि भीड़ हिंसा पर अंकुश नहीं लगाया गया तो यह देश के लिए अत्यंत हानिकारक होगी। आलमगीर ने कहा- कुछ समूह और व्यक्ति स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि जो भी शरिया के खिलाफ बोलेगा उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महिलाओं को नियंत्रित किया जाएगा।

पीटीआई, ढाका। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने शनिवार को चेतावनी दी कि भीड़ ¨हसा देश की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक बन गई है, विशेषकर पिछले साल के राजनीतिक परिवर्तन के बाद।
बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि यदि भीड़ हिंसा पर अंकुश नहीं लगाया गया तो यह देश के लिए अत्यंत हानिकारक होगी।
आलमगीर ने कहा- ''कुछ समूह और व्यक्ति स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि जो भी शरिया के खिलाफ बोलेगा, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महिलाओं को नियंत्रित किया जाएगा।'' उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों का पनपना हमारे द्वारा बनाए गए समावेशी उदार लोकतांत्रिक समाज के खिलाफ हैं।
उन्होंने बताया कि ये ताकतें पहले भी मौजूद थीं, लेकिन पांच अगस्त 2024 के बाद ये और मजबूत हो गई हैं। बता दें कि मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग की गतिविधियों को समाप्त कर दिया है। ऐसे में अवामी लीग की अनुपस्थिति में बीएनपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है।
हाल ही में आलमगीर ने चिंता जताई की कि एक ''साजिश'' चल रही है जो उदार राजनीति को चरमपंथ से बदलने की कोशिश कर रही है। बीआएसी इंस्टीट्यूट के एक सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 80 प्रतिशत बांग्लादेशी भीड़ ¨हसा के बढ़ने को लेकर चिंतित हैं।
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