इटालियन पिज्जा बनाने की विधि भी बनी सांस्कृतिक धरोहर
यूनेस्को ने इटली की दलील को मानते हुए नेपल्स की इस विधि को ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ की सूची में शामिल कर लिया।
दक्षिण कोरिया (रायटर)। इटली के नेपल्स शहर में पिज्जा बनाने के तरीके को यूनेस्को ने विश्व की सांस्कृतिक धरोहर में शामिल किया है। इसे ‘पिज्जाइउलो’ कहा जाता है। इसमें पिज्जा के लिए बनाई गई रोटी पहले हवा में लहराई जाती है। फिर इसे लकड़ी के ओवन में बेक किया जाता है। इटली का दावा था कि यह विधि यहां की सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है।
यूनेस्को ने इटली की दलील को मानते हुए नेपल्स की इस विधि को ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ की सूची में शामिल कर लिया। नेपल्स में बनने वाले पिज्जा की परत अन्य के मुकाबले पतली होती है। बेक होने के बाद यह छोटे साइकिल के टायर की तरह फूल जाता है। नेपल्स में मुख्य रूप से मैरिनारा और मार्गेरिटा नामक पिज्जा तैयार किए जाते हैं।
मार्गेरिटा पिज्जा को पहली बार 1889 में उस समय की महारानी मार्गेरिटा के सम्मान में एक स्थानीय शेफ ने बनाया था। इसमें इटली के झंडे के तीन रंगों हरा, लाल और सफेद का प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त यूनेस्को ने ईरान की घुड़सवारी और नीदरलैंड की पवन चक्की को भी सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल किया है।
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