Move to Jagran APP

इटालियन पिज्जा बनाने की विधि भी बनी सांस्कृतिक धरोहर

यूनेस्को ने इटली की दलील को मानते हुए नेपल्स की इस विधि को ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ की सूची में शामिल कर लिया।

By Srishti VermaEdited By: Published: Fri, 08 Dec 2017 09:57 AM (IST)Updated: Fri, 08 Dec 2017 09:57 AM (IST)
इटालियन पिज्जा बनाने की विधि भी बनी सांस्कृतिक धरोहर
इटालियन पिज्जा बनाने की विधि भी बनी सांस्कृतिक धरोहर

दक्षिण कोरिया (रायटर)। इटली के नेपल्स शहर में पिज्जा बनाने के तरीके को यूनेस्को ने विश्व की सांस्कृतिक धरोहर में शामिल किया है। इसे ‘पिज्जाइउलो’ कहा जाता है। इसमें पिज्जा के लिए बनाई गई रोटी पहले हवा में लहराई जाती है। फिर इसे लकड़ी के ओवन में बेक किया जाता है। इटली का दावा था कि यह विधि यहां की सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है।

prime article banner

यूनेस्को ने इटली की दलील को मानते हुए नेपल्स की इस विधि को ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ की सूची में शामिल कर लिया। नेपल्स में बनने वाले पिज्जा की परत अन्य के मुकाबले पतली होती है। बेक होने के बाद यह छोटे साइकिल के टायर की तरह फूल जाता है। नेपल्स में मुख्य रूप से मैरिनारा और मार्गेरिटा नामक पिज्जा तैयार किए जाते हैं।

मार्गेरिटा पिज्जा को पहली बार 1889 में उस समय की महारानी मार्गेरिटा के सम्मान में एक स्थानीय शेफ ने बनाया था। इसमें इटली के झंडे के तीन रंगों हरा, लाल और सफेद का प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त यूनेस्को ने ईरान की घुड़सवारी और नीदरलैंड की पवन चक्की को भी सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल किया है।

यह भी पढ़ें : कुंभ मेले को यूनेस्को ने दी सांस्कृतिक धरोहर की मान्यता


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.