100 साल बाद ऑस्ट्रेलियाई समुद्र तट पर मिले प्रथम विश्व युद्ध के सैनिकों के संदेश, लिखी थी ये बात
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस के युद्धक्षेत्र में शामिल होने की यात्रा के कुछ दिनों बाद दो ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों द्वारा लिखा गया संदेश एक सदी से भी अधिक समय बाद आस्ट्रेलिया तट पर मिला। पेंसिल से लिखा संदेश एक बोतल में बंद था। यह बोतल नौ अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया के व्हार्टन तट पर मिली। संदेश उनके वंशजों को सौंप दिए गए हैं।

प्रथम विश्व युद्ध के सैनिकों के संदेश 100 साल बाद आस्ट्रेलियाई समुद्र तट पर मिले (फोटो- एक्स)
एपी, मेलबर्न। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस के युद्धक्षेत्र में शामिल होने की यात्रा के कुछ दिनों बाद दो ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों द्वारा लिखा गया संदेश एक सदी से भी अधिक समय बाद आस्ट्रेलिया तट पर मिला। पेंसिल से लिखा संदेश एक बोतल में बंद था। यह बोतल नौ अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया के व्हार्टन तट पर मिली। संदेश उनके वंशजों को सौंप दिए गए हैं।
बोतल को पाने वाली डेब ब्राउन ने कहा, ''हम समुद्र तटों पर सफाई कर रहे थे, तभी इस पर नजर पड़ी। इसमें मैल्कम नेविल और विलियम हार्ले द्वारा पेंसिल से लिखे 15 अगस्त 1916 के पत्र रखे थे। उनका सैन्य जहाज एचएमएटी ए 70 बैलरैट उसी वर्ष 12 अगस्त को एडिलेड से पूर्व की ओर दुनिया के उस पार की लंबी यात्रा पर निकला था, जहां उसके सैनिक यूरोप के पश्चिमी मोर्चे पर 48वीं ऑस्ट्रेलियाई इन्फैंट्री बटालियन को सुदृढ़ करने के लिए तैनात थे।
एक साल बाद नेविल युद्ध में शहीद हो गए। हार्ले दो बार घायल हुए, लेकिन युद्ध में बच गए। 1934 में एडिलेड में कैंसर से उनकी मृत्यु हो गई। हार्ले ने अपने संदेश में लिखा, ''ईश्वर करे कि खोजकर्ता भी उतना ही कुशल मंगल हो जितना हम अभी हैं''।
वहीं, नेविल ने अपनी मां को संबोधित करते हुए लिखा कि वह बहुत अच्छा समय बिता रहा है, खाना अब तक बहुत अच्छा है। हम लैरी ''बहुत खुश'' हैं। हार्ले की पोती एन टर्नर ने कहा कि उनका परिवार इस खोज से बिल्कुल स्तब्ध है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।