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    Malaysia के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक की अंतिम अपील खारिज, कोर्ट ने सजा पर लगाई मुहर

    By Arijita SenEdited By:
    Updated: Tue, 23 Aug 2022 02:42 PM (IST)

    मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक पर सत्‍ता का दुरुपयोग और भ्रष्‍टाचार के आरोप लगे हैं। देश के शीर्ष अदालत ने दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी अंतिम अपील को खारिज कर दिया है और उनकी सजा को बरकरार रखा है।

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    पूर्व प्रधानमंत्री नजीब को अब जल्‍द से जल्‍द अपनी सजा काटने के लिए तैयार रहना होगा

    पुत्रजाया, एजेंसी। मलेशिया (Malaysia) के शीर्ष अदालत ने 1MDB सरकारी निवेश कोष से गबन करने से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व प्रधान मंत्री नजीब रजाक (Najib Razak) की 12 साल जेल की सजा को बरकरार रखा है। नजीब दोषसिद्धि के खिलाफ अपनी अंतिम अपील (Final Plea) में हार गए हैं यानि कि अब जल्‍द से जल्‍द उन्‍हें जेल की सजा काटनी होगी। इसके साथ ही मलेशिया के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा, जब किसी पूर्व प्रधानमंत्री को जेल होगी।

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    अंतिम अपील पर सुनवाई के लिए गठित अदालत की पांच सदस्‍यीय टीम ने कहा कि उन्‍होंने सर्वसम्मति से पाया कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने पहले सही फैसला सुनाया था और नजीब की अपील में उन्‍हें दोषमुक्‍त साबित करने जैसा कुछ भी नहीं था। अदालत ने नजीब की सजा को सही ठहराया।

    मालूम हो कि साल 2009 में सत्‍ता में आने के बाद नजीब ने 1MDB कंपनी की स्थापना की थी। यह एक सरकारी कंपनी थी जिसका स्‍वामित्‍व वित्‍त मंत्रालय के पास था। नजीब पर सरकारी निवेश कोष 1मलेशिया डेवलपमेंट बर्हाड (1MDB) से 4.5 अरब डॉलर ( करीब 32 हजार करोड़ रुपये) गबन करने का आरोप है।

    इस दौरान मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री ने अंतिम अपील पर सुनवाई की प्रक्रिया से मुख्‍य न्‍यायाधीश मैमुन तुआन मत (Maimun Tuan Mat) को हटाए जाने की मांग की है जो सुनवाई के लिए गठित अदालत की पांच सदस्‍यीय टीम का नेतृव कर रही हैं।

    नजीब का कहना है कि ‘1मलेशिया डेवलपमेंट बेरहाद’ (1एमडीबी) घोटाले को लेकर मैमुन के पति जमानी इब्राहिम (Zamani Ibrahim) पहले ही उनके आलोचक रहे हैं। ऐसे में फैसला उनके पति के पूर्वाग्रह से प्रभावित हो सकता है।

    नजीब को भ्रष्‍टाचार और सत्‍ता का दुरुपयोग करने के मामलों में 12 साल जेल की सजा सुनाई गई थी और 49.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया था। उनकी दोषसिद्धि और 12 साल की सजा को रद्द करने की अंतिम अपील पर सुनवाई आज हुई।