Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    डकैती के बाद फ्रांस का लूवर म्यूजियम बंद... 100 साल से चोरों के निशाने पर क्यों है संग्रहालय?

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 05:05 PM (IST)

    फ्रांस के लूवर म्यूजियम में डकैती के बाद उसे बंद कर दिया गया है। संस्कृति मंत्री ने इसकी पुष्टि की है, पर चोरी का ब्यौरा अभी स्पष्ट नहीं है। कहा जा रहा है कि चोर गहने लेकर भागे हैं। पहले भी म्यूजियम में चोरी और विरोध प्रदर्शन की कोशिशें हुई हैं। मोनालिसा पेंटिंग को भी कई बार चुराने और नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है।

    Hero Image

    दावा है कि चोर म्यूजियम में मौजूद ज्वेलरी लेकर भाग गए (फोटो: रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फ्रांस के प्रसिद्ध लूवर म्यूजियम को रविवार को एक रॉबरी के बाद बंद कर दिया गया। फ्रांस की संस्कृति मंत्री रचिदा दाती ने इसकी पुष्टि की। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि क्या चोरी किया गया है और यह रॉबरी कैसे हुई। लेकिन दावा है कि चोर म्यूजियम में मौजूद ज्वेलरी लेकर भाग गए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ये पहली बार नहीं है, जब फ्रांस के लूवर म्यूजियम को इस तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ा हो। इसके पहले कई बार यहां चोरों और कथित तौर पर विरोध जताने वाले लोगों ने ऐसी हरकतें करने की कोशिश की हैं। कुछ कामयाब हुए, जबकि कुछ सिर्फ कोशिश ही कर पाए।

    जब चुराई गई मोनालिसा की पेंटिंग

    मशहूर पेंटर लियोनार्डो दा विंची की मोनालिसा पेंटिंग फ्रांस के इसी लूवर म्यूजियम में रखी है। इसे चुराने और नुकसान पहुंचाने की कई कोशिशें की गई हैं। 21 अगस्त 1911 को इटली के एक कारीगर विन्सेन्जो पेरुग्गिया ने मोनालिसा को चुरा लिया था। वह म्यूजियम के कर्मचारी का भेष बनाकर रात भर वहीं छिपा रहा और अगली सुबह उसने पेंटिंग चुरा ली।

    जब वे 1913 में इसे इटली के फ्लोरेंस में बेचने पहुंचा, तब पेंटिंग बरामद हुई। 1974 में एक महिला ने मोनालिसा की पेंटिंग पर लाल पेंट स्प्रे कर दिया था। 2009 में एक रूसी महिला ने फ्रांस की नागरिकता छिनने के बाद मोनालिसा पर चाय का कप तोड़ दिया था। वहीं 2022 में इस पर केक लगा दिया गया, जबकि 2024 में इस पर सूप फेंक दिया गया। हालांकि पेंटिंग पर लगे बुलेटप्रूफ प्रोटेक्टिव ग्लास ने इन सब घटनाओं से पेंटिंग को सुरक्षित रखा।

    कभी लूटपाट, कभी चोरी

    दूसरे विश्व युद्ध में फ्रांस पर जर्मनी के कब्जे के दौरान म्यूजियम की कई कलाकृतियों को छिपा दिया गया था। लेकिन फिर भी नाजियों ने अधिकतर को जब्त कर लिया था। 1971 में गुस्ताव कूरबेट की पेंटिंग द वेव चोरी हो गई थी, जिसका आज तक पता नहीं चला। जीन-बैप्टिस्ट-सिमोन शार्डिन की 18वीं सदी की स्टिल लाइफ पेंटिंग भी म्यूजियम से अचानक गायब हो गई थी।

    1983 में लूवर म्यूजियम से यूजीन डेलाक्रोइक्स की लिबर्टी लीडिंग द पीपल को चुराने की कोशिश की गई। वहीं 1982 में दो पुनर्जागरणकालीन कलाकृतियाँ मिलानी हेलमेट और ब्रेस्टप्लेट चोरी हो गई थीं, जिन्हें 40 साल बाद बरामद किया गया।