Nobel Prize 2025: हंगरी के इस लेखक को मिला साहित्य का नोबेल प्राइज
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ने साहित्य के नोबेल पुरस्कार 2025 की घोषणा की। इस वर्ष यह पुरस्कार हंगरी के लेखक लास्जलो क्रास्ज्नाहोरकाई को दिया गया है। लास्ज़लो क्रस्ज्नाहोराकई को उनके साहित्यिक योगदान के लिए यह प्रतिष्ठित सम्मान मिला है।

साहित्य का नोबेल पुरस्कार घोषित
Nobel Prize in Literature 2025: रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने गुरुवार 9 अक्टूबर को साहित्य के नोबेल पुरस्कार का एलान किया। साल 2025 के लिए साहित्य का नोबेल प्राइज हंगरी के लेखक लास्जलो क्रास्ज्नाहोरकाई को दिया गया। लास्जलो को ये पुरस्कार उनके मनमोहक और दूरदर्शी कामों के लिए दिया गया।
पिछले साल साहित्य में नोबेल पुरस्कार दक्षिण कोरिया की लेखिका हान कांग को दिया गया था। जिन्होंने मानव जीवन की नाजुकता को उजागर करने से संबंधित लेखनी का कार्य किया था। साहित्य में नोबेल पुरस्कार इस हफ्ते घोषित होने वाला चौथा पुरस्कार था, इससे पहले में मेडिसिन, फिजिक्स आयर केमिस्ट्री में नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई थी।
नोबेल विजेताओं को कितनी मिलती है धनराशी?
नोबेल पुरस्कार समारोह 10 दिसंबर को अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु की सालगिरह पर आयोजित किया जाएगा। अल्फ्रेड नोबेल एक स्वीडिश वज्ञानिक थे जिन्होंने डायनामाइट का आविष्कार किया था। 1896 में उनके निधन के पांच साल बाद 1901 में इस पुरस्कार कीशुरुआत हुई थी। जिसके बाद हर साल इस पुस्र्कार को दिया जाता है। पुरस्कार पाने वाले विजेता को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग साढ़े दस करोड़ रुपए) कि पुरस्कार राशि दी जाती है। साथ ही विनर को 18 कैरेट का गोल्ड मेडल और एक डिप्लोमा भी दिया जाता है।
कौन हैं लास्जलो क्रास्ज्नाहोरकाई?
लेखक क्रास्ज्नाहोरकाई का जन्म 1954 में दक्षिण-पूर्वी हंगरी के रोमानियाई बोर्डर के पास, ग्युला नामक छोटे से कस्बे में हुआ था। साल 1985 में प्रकाशित उनके पहले उपन्यास 'सतांतंगो' से यो चर्चे में आयें, जो हंगरी में एक साहित्यिक सनसनी थी। उन्होंने अपने उम्न्यास 'हर्श्ट 07769' के जरिये देश की सामाजिक अशांति को सटीकता से चित्रित किया था।
BREAKING NEWS
The 2025 #NobelPrize in Literature is awarded to the Hungarian author László Krasznahorkai “for his compelling and visionary oeuvre that, in the midst of apocalyptic terror, reaffirms the power of art.” pic.twitter.com/vVaW1zkWPS
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 9, 2025
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