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    सीरिया में असद की मुश्किल बढ़ी, कुर्दों ने भी शहर छीना; भारत ने अपने नागरिकों की यात्रा को लेकर जारी की एडवाइजरी

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sat, 07 Dec 2024 04:28 AM (IST)

    सीरिया में बशर अल-असद सरकार को शुक्रवार को एक और बड़ा झटका लगा। अरब समर्थित विद्रोहियों के दो शहरों पर कब्जे के बाद अमेरिका समर्थित कुर्द विद्रोहियों ने सीरिया के पूर्वी शहर दीर अल-जोर पर कब्जा कर लिया है। कुर्दों द्वारा कब्जा किया गया यह पूर्वी भाग का सबसे बड़ा शहर है। कुर्द अब इराक सीमा पर बसे शहर अल्बुकमल पर कब्जे के लिए बढ़ रहे हैं।

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    कुर्द विद्रोहियों ने सीरिया के पूर्वी शहर दीर अल-जोर पर कब्जा कर लिया है (फोटो-एएनआई)

     रॉयटर, रॉयटर। सीरिया में बशर अल-असद सरकार को शुक्रवार को एक और बड़ा झटका लगा। अरब समर्थित विद्रोहियों के दो शहरों पर कब्जे के बाद अमेरिका समर्थित कुर्द विद्रोहियों ने सीरिया के पूर्वी शहर दीर अल-जोर पर कब्जा कर लिया है। कुर्दों द्वारा कब्जा किया गया यह पूर्वी भाग का सबसे बड़ा शहर है। कुर्द अब इराक सीमा पर बसे शहर अल्बुकमल पर कब्जे के लिए बढ़ रहे हैं।

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    ईरान ने मिसाइल, ड्रोन और अन्य हथियार सीरिया भेजे

    इस बीच राष्ट्रपति असद को मुश्किल में देख ईरान ने मिसाइल, ड्रोन और अन्य हथियार सीरिया भेजे हैं। साथ ही कई सैन्य सलाहकार और अधिकारी भी सीरिया भेजे हैं। ईरान खुफिया सूचनाएं और उपग्रहों से लिए जा रहे फोटो भी सीरिया की सेना को मुहैया करा रहा है। लेबनान के सशस्त्र संगठन हिजबुल्ला ने भी सीरिया में सैन्य मदद भेजी है। हफ्ते भर में अलेप्पो और हामा शहरों के हाथ से निकलने और उसके बाद विद्रोहियों के होम्स शहर के लिए कूच करने से असद सरकार की मुश्किल बढ़ गई है।

    विद्रोहियों का अगर होम्स पर कब्जा हो गया तो दमिश्क का कई शहरों से सड़क संपर्क कट जाएगा। इससे उन इलाकों के भी हाथ से निकलने का खतरा बढ़ जाएगा। इसी इलाके में रूस की सेना और नौसेना के ठिकाने भी हैं। वैसे रूस ने विद्रोहियों को रोकने के लिए होम्स के रास्ते में पड़ने वाला पुल बमबारी कर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है।

    यूक्रेन युद्ध और हिजबुल्ला पर इजरायली कार्रवाई ने असद के समर्थन को कमजोर किया

    विद्रोहियों के कूच की सूचना मिलने के बाद होम्स शहर के हजारों लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों के लिए रवाना हो गए हैं। 13 वर्षों से अशांति झेल रहे सीरिया में कुछ अरब देशों, अमेरिका और इजरायल समर्थित सशस्त्र गुटों ने असद के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। जबकि असद के समर्थन में रूस, ईरान और हिजबुल्ला खड़े रहे हैं। लेकिन यूक्रेन युद्ध और हिजबुल्ला पर इजरायली कार्रवाई ने असद के समर्थन को कमजोर किया है।

    इसी मौके का फायदा उठाकर विद्रोहियों ने हफ्ते भर में बड़ा उलटफेर कर दिया है। असद की स्थिति कमजोर पड़ती देख रूस ने अपने नागरिकों को सीरिया छोड़ने के लिए कहा है। पूर्व में अल कायदा से जुड़े संगठन हयात तहरीर अल-शाम ने अबू मुहम्मद अल-गोलानी के नेतृत्व में सीरिया पर 27 नवंबर पर हमले शुरू किए हैं। जार्डन ने असद के समर्थन का एलान किया है और सीरिया से लगने वाली सीमा बंद कर दी है। इससे पहले विद्रोही गुट के लड़ाकों ने सीमा पर फाय¨रग की थी। लेबनान ने भी सीरिया से लगने वाली सीमा पर सेना तैनात कर दी है।

    भारत ने नागरिकों की यात्रा को लेकर जारी की एडवाइजरी

    सीरिया में बिगड़ती स्थिति के बारे में चिंतित, भारत सरकार ने सभी भारतीय नागरिकों को अगली सूचना तक सीरिया की यात्रा से पूरी तरह से बचने के लिए देर रात एक सलाह दी। एक आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर और एक ईमेल आईडी साझा करने वाले बयान में, विदेश मंत्रालय ने वर्तमान में सीरिया में सभी भारतीयों से दमिश्क में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने की अपील की।

    नई दिल्ली की तत्काल अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि जो लोग भारत आ सकते हैं, उन्हें जल्द से जल्द उपलब्ध वाणिज्यिक उड़ानों से (सीरिया) छोड़ने की सलाह दी जाती है। जो लोग ऐसा नहीं कर सकते, उनके लिए सलाह में उनसे अपनी सुरक्षा के बारे में अत्यधिक सावधानी बरतने और अपनी गतिविधियों को न्यूनतम तक सीमित रखने के लिए कहा गया है।