क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने रूसियों को दी चेतावनी, कहा- लंबे समय तक युद्ध के लिए रहना होगा तैयार
क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने रूसियों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें आने वाले समय के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि ये युद्ध लंबे समय तक चलने वाला है। पेसकोव ने बताया कि हालात काफी कठिन हो जाएंगी।
लंदन, एजेंसी। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने रूसियों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि उन्हें आने वाले समय के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि ये युद्ध लंबा चलने वाला है। पेसकोव ने देश के राजनीतिक अभिजात्य वर्ग की एक सभा को बताया कि चीजें बहुत कठिन हो जाएंगी। इसमें बहुत-बहुत लंबा समय लगेगा। यह यूक्रेन के खिलाफ किए जा रहे व्लादिमीर पुतिन के 'विशेष सैन्य अभियान' से बहुत अलग है।
कीव को कुछ ही दिनों या हफ्तों में जीत लिया जाना चाहिए था। एक बार वहां पहुंचने के बाद यूक्रेनियन को रूस 'ड्रग एडिक्ट्स और नव-नाजियों के गिरोह' से मुक्त करने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि जिस युद्ध में कई दिन या हफ्ते लगने वाले थे उसमें अब कई साल लग सकते हैं।
रूस के अस्तित्व के लिए कड़वा संघर्ष बन गया
यूक्रेन को फासीवादियों से बचाना तो दूर, यह संघर्ष अब रूस के अस्तित्व के लिए एक कड़वा संघर्ष बन गया है। जैसा कि पुतिन ने हाल ही में एक एविएशन फैक्ट्री में श्रमिकों से कहा था कि हमारे लिए यह एक भू-राजनीतिक काम नहीं है।
हाल ही में बीबीसी की डॉक्युमेंट्री ‘पुतिन बनाम द वेस्ट’ में इसे शानदार ढंग से उजागर किया गया था। इसमें पिछले एक दशक में रूसी राजनीतिक बयानबाजी में बदलाव पर कड़ी नजर रखी। यह वह अवधि है जिसे हम "पुतिन II" के रूप में सटीक रूप से संदर्भित कर सकते हैं।
बता दें कि साल 2012 में पुतिन ने अपने प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव को एक बार के लिए राष्ट्रपति बनाया था। दरअसल, लगातार तीन बार राष्ट्रपति पद पाने पर संवैधानिक प्रतिबंध था। इसके बाद पुतिन ने फिर से शीर्ष पद हासिल कर लिया था। तब से उन्होंने ऐतिहासिक राष्ट्रवाद को कुछ हद तक उभारा है।
साल 2008 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के साथ एक बैठक में पुतिन ने यूक्रेनी संप्रभुता पर सवाल उठाए थे। तब उन्होंने कहा था, ‘’जॉर्ज आपको समझना होगा कि यूक्रेन एक देश भी नहीं है।” मार्च 2014 में अपने सैनिकों के क्रीमिया में प्रवेश करने के कुछ ही समय बाद, उन्होंने इस विषय पर जोर देकर कहा कि यह बोल्शेविक थे, जिन्होंने कीव को दक्षिण-पूर्व रूस का बहुत कुछ दिया है।
उसी भाषण में उन्होंने कहा कि हो सकता है कि यूएसएसआर के एक पूर्व नेता निकिता ख्रुश्चेव ने 1930 के दशक के अकाल का प्रायश्चित करने के लिए क्रीमिया को यूक्रेन में जोड़ा। यह ऐसी चीज है, जिसका इतिहासकारों को पता लगाना चाहिए। साल 2012 से पुतिन अपने भाषणों में यह बात उठाते रहे हैं।