Nepal Protest: 'मुझे कभी संतान का सुख नहीं मिला', नेपाल हिंसा पर पूर्व पीएम ओली का छलका दर्द
पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान व्यवस्था को बचाना ही उनके जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य है। उन्होंने सैन्य घेरे के बीच सैनिकों के साथ समय बिताया और अपने अनुभव साझा किए। ओली ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई में यातनाओं के कारण उन्हें संतान सुख नहीं मिल सका।

अमरेंद्र तिवारी, नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने युवाओं, विशेषकर जेन-ज़ी पीढ़ी को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान व्यवस्था को बचाना ही उनके जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य है। शिवपुरी स्थित सैन्य घेरे के बीच सैनिकों के साथ समय बिताते हुए ओली ने भावुक शब्दों में अपने अनुभव को साझा किए।
ओली ने कहा कि बच्चों की निश्छल हंसी और उनका स्नेह उन्हें हमेशा रोमांचित करता है। उन्होंने खुलासा किया कि व्यवस्था परिवर्तन की कठिन लड़ाई के दौरान मिली यातनाओं के कारण उन्हें संतान सुख नहीं मिल सका, फिर भी पिता बनने की उनकी चाह कभी नहीं मरी। उन्होंने याद किया कि 2051 में गृहमंत्री रहते हुए उनके कार्यकाल में राज्य की ओर से एक भी गोली नहीं चली थी।
युवाओं के नाम पर हिंसा और षड्यंत्र- ओली
ओली ने हाल की घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि युवाओं के नाम पर हिंसा और षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। सरकारी कार्यालयों में आगजनी और कैदियों को छुड़ाना सोची-समझी साजिश का हिस्सा है।
उन्होंने कहा आज आप अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं, आंदोलन कर सकते हैं, यह सब इसी व्यवस्था की देन है। इसे नष्ट करने का प्रयास हो रहा है, और इसमें सतर्क रहना ज़रूरी है। उन्होंने साफ कहा कि पद और प्रतिष्ठा उनके लिए कभी महत्वपूर्ण नहीं रहे, बल्कि व्यवस्था को बचाना ही उनका जीवन का मूल उद्देश्य है।
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