China-Taiwan Tension: जानें कौन हैं वो देश जिन्होंने ताइवान को माना स्वतंत्र राष्ट्र
ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनातनी युद्ध के स्तर पर पहुंच गई है। इसके इतर कई ऐसे देश हैं जिन्होंने ताइवान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी है। आइए जानते हैं कि किन किन देशों ने अब तक अपना समर्थन ताइवान को दिया है।

नई दिल्ली, एजेंसी: ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनातनी युद्ध के स्तर पर पहुंच गई है। अमेरिका ने चीन को यह साफ संदेश दे दिया है कि वह ताइवान की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। ऐसे में यह जिज्ञासा पैदा होती है कि आखिर एक छोटे से द्वीप के लिए अमेरिका ने चीन से पंगा क्यों लिया। ताइवान अमेरिका के लिए क्यों उपयोगी है। इसके साथ यह भी जानेंगे कि चीन ताइवान को क्यों अपना प्रांत मानता है। इस विवाद के पीछे वजह क्या है। इसके साथ यह भी जानेंगे कि अमेरिका का कौन सा कानून ताइवान की सुरक्षा का बड़ा कवच है। चीन अपने किस कानून के तहत ताइवान को धौंस दिखाता है।
15 देशों ने ही ताइवान को एक स्वतंत्र राष्ट्र माना
चीन और ताइवान के बीच विवाद काफी पुराना है। इसकी बुनियाद 1949 में पड़ी। दुनिया के सिर्फ 15 देश ही ताइवान को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानते हैं। इस विवाद के कारण ही ताइवान को सीमित देशों की ही मान्यता हासिल हो सकी। ताइवान के प्रति चीन का दृष्टिकोण अलग है। चीन इसे अपने से अलग हुआ हिस्सा मानता है और ताइवान को एक विद्रोही प्रांत मानता है।
आइए जानते हैं कि किन-किन देशों ने अब तक ताइवान को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा दिया है। बता दें कि कुछ देशों ने 1947 में भारत के आजाद होने से पहले ही ताइवान को राष्ट्र का दर्जा दे दिया था। चीन की आपत्ति के बावजूद कई छोटे देश आज भी ताइवान को एक संप्रभु राष्ट्र का दर्जा देते हैं।
ग्वाटेमाला
ग्वाटेमाला ने ताइवान को 1933 से अब तक एक स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा दे रखा है।
बेलीज
बेलीज ने 1989 से अब तक ताइवान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी है।
हैती
हैती ने 1956 से अब तक ताइवान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी है।
वेटिकन सिटी
वेटिकन सिटी ने 1942 से अब तक ताइवान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी है।
होंडुरास
होंडुरास ने 1985 से अब तक ताइवान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी है।
पैराग्वे
पैराग्व ने 1957 से अब तक ताइवान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी है।
सेंट लूसिया
सेंट लूसिया ने ताइवान को 1984-1997 और उसके बाद 2007 से अब तक एक स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता दी हुई है।
मार्शल आइलैंड्स
मार्शल आइलैंड्स ने ताइवान को 1998 से अब तक एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपनी मान्यता प्रदान की हुई है।
पलाऊ
पलाऊ ने भी 1999 से अब तक ताइवान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपनी मान्यता प्रदान की हुई है।
सेंट किट्स एंड नेविस
सेंट किट्स एंड नेविस ने 1983 से अब तक ताइवान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता प्रदान की हुई है।
तवालू
तवालू ने 1979 से अब तक ताइवान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपनी मान्यता प्रदान की हुई है।
सेंट विन्सेंट एंड ग्रैनेडंस
सेंट विन्सेंट एंड ग्रैनेडंस ने ताइवान को 1981 से अब एक स्वतंत्र राष्ट्र के रुप में मान्यता दी हुई है।
सामरिक रूप से क्यों उपयोगी है ताइवान
विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि सामरिक रूप से ताइवान द्वीप अमेरिका के लिए काफी उपयोगी है। अमेरिका की विदेश नीति के लिहाज से ये सभी द्वीप काफी अहम हैं। चीन यदि ताइवान पर अपना प्रभुत्व कायम कर लेता है तो वह पश्चिमी प्रशांत महासागर में अपना दबदबा कायम करने में सफल हो सकता है। उसके बाद गुआम और हवाई द्वीपों पर मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकाने के लिए भी खतरा हो सकता है। इसलिए अमेरिका, ताइवान को लेकर पूरी तरह से चौंकन्ना है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि अमेरिका ने ताइवान के साथ उसकी सुरक्षा का समझौता किया है।
चीन की नाक के नीचे है ताइवान
ताइवान की चीन से दूरी महज 180 किलोमीटर है। ताइवान की भाषा चीनी है। ताइवान की राजनीतिक व्यवस्था चीन से एकदम भिन्न है। चीन और ताइवान की भिन्न राजनीतिक व्यवस्था भी दोनों को एक-दूसरे का विरोधी बनाते हैं। चीन में एकदलीय व्यवस्था है, जबकि 2 करोड़ 30 लाख की आबादी वाले ताइवान की व्यवस्था लोकतांत्रिक है।
नैंसी की ताइवान यात्रा पर भड़का चीन
नैंसी की ताइवान यात्रा से चीन इस कदर भड़का हुआ है कि इस द्वीप के चारों तरफ पानी और आसमान में जबरदस्त युद्धाभ्यास कर, चेतावनी दे रहा है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) पहले ही कह चुके हैं कि वह ताइवान को बल पूर्वक भी चीन का हिस्सा बना सकते हैं। वहीं नैंसी पेलोसी ने बुधवार को ताइवान की यात्रा के दौरान चीन को सख्त संदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि अमेरिका, ताइवान को अकेला नहीं छोड़ेगा। अमेरिका हर परिस्थिति में ताइवान के साथ है।
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