Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या है सिंगापुर में मौजूद इस मंदिर का इतिहास, पीएम मोदी कर चुके हैं पूजा; जीर्णोद्धार में खर्च हुए 21 करोड़

    By Piyush KumarEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Thu, 16 Feb 2023 06:35 PM (IST)

    Singapore oldest temple सिंगापुर में तकरीबन 200 साल पुराने भगवान मरिअम्मन मंदिर को जीणोद्धार के बाद दोबारा खोल दिया गया। इस मंदिर का जीणोद्धार करने के लिए सिंगापुर सरकार ने 26 लाख डॅालर खर्च किए। जानिए आखिर क्या है इस मंदिर की इतिहास।

    Hero Image
    Singapore oldest temple: सिंगापुर में मौजूद 200 साल पुराने भगवान मरिअम्मन मंदिर को जीणोद्धार के बाद दोबारा खोल।(फोटो सोर्स: जागरण)

    सिंगापुर, ऑनलाइन डेस्क। सिंगापुर में प्रवाशी भारतीय के लिए रविवार (12-02-23) का दिन बेहद खास रहा। तकरीबन 200 साल पुराने भगवान मरिअम्मन मंदिर (Singapore oldest Temple) को जीर्णोद्धार के बाद दोबारा खोल दिया गया। इस मंदिर का जीर्णोद्धार करने के लिए सिंगापुर सरकार ने 26 लाख डॅालर (21 करोड़ रुपये)  खर्च किए। काफी लंबे वक्त से इस मंदिर को खोलने की कवायद चल रही थी। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    (फोटो सोर्स: historyogi)

    पिछले एक साल से मुख्य मूर्तिकार डॉ के दक्षिणमूर्ति के मार्गदर्शन में मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा था। इस कार्य में भारत के 12 विशेषज्ञ मूर्तिकार और सात धातु और लकड़ी के कारीगर शामिल थे, जिन्होंने गर्भगृह, गुंबदों और छत के भित्तिचित्रों पर काम किया। 

    (फोटो सोर्स: historyogi)

    मंदिर खोले जाने के मौके पर 20 हजार लोगों ने लिया हिस्सा

    मंदिर के अभिषेक समारोह के दिन सिंगापुर में तेज बारिश हो रही थी, इसके बावजूद हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर का दर्शन करने के लिए मौजूद रहे। बताया जाता है कि मंदिर के अभिषेक समारोह में तकरीबन 20 हजार से ज्यादा भक्त शामिल हुए थे। इनमें से ज्यादातर लोग दक्षिण भारत से ताल्लुक रखते थे। बता दें कि इस मंदिर में पीएम मोदी भी पूजा-अर्चना कर चुके हैं।

    आयोजन में सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री भी हुए शामिल

    मंदिर खोले जाने के मौके पर हुए आयोजन में सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री लॅारेंस वोंग ने भी शिरकत की। उनके साथ सूचना मंत्री जोसफीन टिओ, परिवहन मंत्री एस ईश्वरन और सांसद मुरली पिल्लई भी इस समारोह में शामिल हुए थे।

    (फोटो सोर्स: historyogi)

    इस ओयजन को लेकर उन्होंने फेसबुक पोस्ट लिखा, 'यह बहुसांस्कृतिक सिंगापुर की एक झलक है, जहां के लोग एक दूसरे के सांस्कृतिक और धार्मिक त्योहारों में जश्न मनाने के लिए एक साथ शामिल हो जाते हैं। बारिश भी श्री मरिअम्मन मंदिर के अभिषेक समारोह में शामिल होने आए तकरीबन 20,000 लोगों का उत्साह कम नहीं कर सकी। समारोह में हिस्सा लेकर मुझे खुशी हुई।'

    जानें 200 साल पुराने मंदिर का इतिहास

    यह आगम मंदिर (agamic temple)  द्रविड़ शैली में बनाया गया है। सिंगापुर में यह एक राष्ट्रीय स्मारक है। वहीं, यह मंदिर एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण भी है। इस मंदिर का प्रबंधन हिंदू एंडोमेंट्स बोर्ड द्वारा किया जाता है, जो सामुदायिक विकास, युवा और खेल मंत्रालय के तहत एक वैधानिक बोर्ड है।

    जानकारी के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना नरैना पिल्लई द्वारा साल 1827 में हुई थी। बता दें कि नरैना पिल्लई थे, जो मई 1819 में सर स्टैमफोर्ड रैफल्स के साथ सिंगापुर पहुंचे थे। साल 1831 में एक निजी भूमि को दान किए जाने के बाद इस मंदिर की स्थापना की गई।

    मौजूदा मंदिरा का सबसे पुराना हिस्सा 1842 से भी पहले का बताया जाता है। वक्त के साथ-साथ मंदिर के वास्तुकला में बदलाव भी हुए। वहीं, वर्तमान मंदिर संरचना का एक बड़ा हिस्सा 1862-1863 में बनाया गया था। ऐसा माना जाता है कि मंदिर परिसर में विस्तृत प्लास्टर की मूर्तियां और अलंकरण, तमिलनाडु के नागापट्टिनम और कुड्डालोर जिलों के कुशल कारीगरों द्वारा निर्मित किए गए थे।

    यह भी पढ़ें: Aero India 2023: क्या है एयरो इंडिया शो, जिसके आयोजन के जरिए दुनिया देख रही भारत का दम