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    किम जोंग के निशाने पर फिर अमेरिका, परमाणु ताकत का ऐसे दिखाया 'घमंड'

    By Nancy BajpaiEdited By:
    Updated: Fri, 22 Dec 2017 02:19 PM (IST)

    उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग-उन एक बार फिर अमेरिका को आगाह करता दिखा कि वह परमाणु हमले के लिए कितना सक्षम है।

    किम जोंग के निशाने पर फिर अमेरिका, परमाणु ताकत का ऐसे दिखाया 'घमंड'

    प्योंगयांग (आइएएनएस)। उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग-उन एक बार फिर अमेरिका को आगाह करता दिखा कि वह परमाणु हमले के लिए कितना सक्षम है। शुक्रवार को किम जोंग ने कहा कि उत्तर कोरिया ने रणनीतिक हथियारों में तेजी से विकास हासिल किया है और वह अमरिका को पर्याप्त परमाणु खतरे में डालने की क्षमता रखता है। राज्य समाचार एजेंसी केसीएनए के मुताबिक किम जोंग ने उच्च रैंकिंग वर्कर्स पार्टी के अधिकारियों के साथ एक बैठक में यह कहा था। ये बैठक प्योंगयांग द्वारा इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) के सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद हुई थी।

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    बता दें कि किम का यह भाषण उसी दिन आया था जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 29 नवंबर को आयोजित आईसीबीएम परीक्षा के जवाब में पृथक एशियाई देश के विरूद्ध प्रतिबंधों का विस्तार करने के लिए अमेरिका से नए प्रस्ताव पर मतदान करने की योजना बनाई थी। उत्तर कोरियाई शासन के अनुसार, अब वह बड़ा परमाणु हथियार ले जाने और सभी अमेरिकी क्षेत्र तक पहुंचने में सक्षम है। किम जोंग ने कहा, 'उत्तर कोरिया के परमाणु शक्ति का तेजी से विकास अब विश्व राजनीतिक संरचना और रणनीतिक वातावरण पर बड़ा प्रभाव डाल रहा है।'

    किम ने कहा कि कोई भी उत्तर कोरिया की इकाई (ताकत) से इनकार नहीं कर सकता जो कि अमेरिका के लिए पर्याप्त परमाणु खतरे को प्रस्तुत करने में सक्षम है और एक रणनीतिक स्थिति के रूप में तेजी से उभरा है। किम ने यह भी जोर देते हुए कहा कि, प्योंगयांग गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा था, जिन्हें अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि उसने यह भी कहा कि चुनौतियों से निराश या डर महसूस करने की बजाय उत्तर कोरिया के लोग हमारी क्रांति की प्रगति के बारे में आशावादी रहे।

    राजनयिक स्रोतों के मुताबिक यूएस-मसौदा तैयार करने का उद्देश्य प्योंगयांग की हाइड्रोकार्बन तक पहुंच और देश के बाहर काम करने वाले उत्तरी कोरिया के प्रत्यावर्तन को आगे बढ़ाना था। वाशिंगटन का तर्क है कि रूस या चीन जैसी जगहों पर इन श्रमिकों द्वारा अर्जित आय को प्योंगयांग द्वारा अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों के वित्तपोषण के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

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