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    ICJ के जज के चुनावी रेस में जस्टिस दलवीर भंडारी, लेबनान के नवाफ से टक्‍कर

    By Monika MinalEdited By:
    Updated: Thu, 09 Nov 2017 10:47 AM (IST)

    संयुक्त राष्ट्र आमसभा और सुरक्षा परिषद में सर्वाधिक वोट हासिल करने वालों की नियुक्ति अंतरराष्‍ट्रीय न्‍यायालय में जज के तौर पर की जाएगी। ...और पढ़ें

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    ICJ के जज के चुनावी रेस में जस्टिस दलवीर भंडारी, लेबनान के नवाफ से टक्‍कर

    संयुक्त राष्ट्र (जेएनएन)। भारतीय सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस दलवीर भंडारी अंतराष्ट्रीय न्यायालय (आइसीजे) जज के लिए फिर से चुनाव लड़ेंगे। उन्हें 2012 में हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का जज चुना गया था। एशियाई मामलों से संबंधित जज के लिए हो रहे इस चुनाव में दलवीर को लेबनान के नवाफ सलेम चुनौती दे रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र आमसभा और सुरक्षा परिषद में सर्वाधिक वोट हासिल करने वालों की नियुक्ति की जाएगी। मतदान में कोई भी देश अपने वीटो पावर का उपयोग नहीं कर सकता।

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     2012 में बने थे आइसीजे के न्‍यायाधीश

    वर्ष 2012 में नीदरलैंड के हेग शहर स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में भंडारी को चुना गया था। इस बार नौ साल के कार्यकाल के लिए उनको चुना जा सकता है। भंडारी राजस्थान के निवासी हैं और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के अलावा बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भी रहे हैं।

    लेबनान के नवाफ सलेम से है मुकाबला

    एशिया का प्रतिनिधित्व करने वाले न्यायाधीश के तौर पर उनका मुकाबला लेबनान के नवाफ सलेम से है। पांच न्यायाधीशों के इस चुनावी दौड़ में इस साल सात न्यायाधीश शामिल हैं। इस साल भंडारी के साथ-साथ न्यायालय के अध्यक्ष फ्रांस के रोनी अब्राहम, उपाध्यक्ष सोमालिया के अब्दुलकावी अहमद यूसुफ और ब्राजील के एंटोनियो अगस्टो कैनकाडो ट्रिनडेड और ब्रिटेन के क्रिस्टोफी ग्रीनवुड भी दौड़ में शामिल हैं। पांच उम्मीदवार जिनमें प्रत्येक को महासभा और परिषद दोनों में बहुमत मिलेगा। वे फरवरी में अपना पदभार ग्रहण करेंगे। इस मौके पर स्थायी सदस्य अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।

    उम्‍मीदवारों के लिए अभियान

    सभी सातों उम्मीदवारों के देशों की सरकारें अपने-अपने देश के उम्मीदवारों के लिए अभियान में जुटी हैं। दलवीर भंडारी चीन और जापान के न्यायाधीशों समेत मध्य पूर्व से लेकर सुदूर पूर्व तक एशिया के न्यायाधीशों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनको आस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, कोलंबिया और इजरायल से भी उम्मीदवारी मिली थी। सलेम को सिर्फ लेबनान और फ्रांस की ओर से नामित किया गया था।

    जानें अंतरराष्‍ट्रीय न्‍यायालय (आईसीजे) को

    अंतरराष्‍ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का प्रमुख न्यायिक अंग है। यह संयुक्त राष्ट्र के चार्टर द्वारा जून 1945 में स्थापित किया गया था और इसने अप्रैल 1946 में काम करना शुरू किया था। न्यायालय का मुख्यालय हेग (नीदरलैंड) में शांति पैलेस में है। यह न्यायालय संयुक्त राष्ट्र के छः प्रमुख अंगों में से एकमात्र ऐसा अंग है जो कि न्यूयॉर्क (संयुक्त राज्य अमेरिका) में स्थित नहीं है। इसका अधिवेशन छुट्टियों को छोड़कर हमेशा चालू रहता है। न्यायालय के प्रशासनिक व्यय का भार संयुक्त राष्ट्र संघ उठाता है।

    आईसीजे में हैं कुल 15 न्‍यायाधीश

    अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में 15 न्यायधीश हैं, जो संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद द्वारा नौ साल के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं और इनको दुबारा भी चुना जा सकता है, हर तीसरे साल इन 15 न्यायधीशों में से पांच दुबारा चुने जा सकते है। न्यायधीशों की नियुक्ति के संबंध में मुख्य शर्त यह होती है कि दो न्यायधीश एक देश से नहीं चुने जा सकते हैं।

    अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का न्याय क्षेत्र

    अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की मदद इसके एक प्रशासनिक अंग रजिस्ट्री द्वारा की जाती है  न्यायालय का काम कानूनी विवादों का निपटारा करना और अधिकृत संयुक्त राष्ट्र के अंगों और विशेष एजेंसियों द्वारा उठाए कानूनी प्रश्नों पर राय देना है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 93 में बताया गया है कि संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्य इस न्यायालय से न्याय पाने का हक़ रखते हैं। हालांकि जो देश संयुक्त राष्ट्र के सदस्य नही हैं वे भी इस न्यायालय में न्याय पाने के लिये अपील कर सकते हैं।

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