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इटली ने एआइ साफ्टवेयर चैटजीपीटी पर लगाई रोक, चीन और रूस पहले ही लगा चुका है प्रतिबंध

इटली का डाटा संरक्षित रखने वाली एजेंसी की ओर से कहा गया है कि वह अमेरिकी स्टार्टअप ओपनएआइ की ओर से विकसित साफ्टवेयर पर रोक लगा रहा है। अधिकारियों की ओर से कहा गया कि चैटजीपीटी और अमेरिकी कंपनी ओपनएआइ के खिलाफ जांच की जा रही है।

By AgencyEdited By: Shashank MishraPublished: Sat, 01 Apr 2023 10:00 PM (IST)Updated: Sat, 01 Apr 2023 10:00 PM (IST)
इटली ने एआइ साफ्टवेयर चैटजीपीटी पर लगाई रोक, चीन और रूस पहले ही लगा चुका है प्रतिबंध
यूरोप का पहला देश जिसने इसपर रोक लगाने का कदम उठाया-इससे पहले चीन, रूस और उत्तर कोरिया लगा चुका प्रतिबंध

रोम, एएनआइ। इटली ने आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस साफ्टवेयर चैटजीपीटी पर तत्काल प्रभाव से पूरी तरह रोक लगा दिया है। यह यूरोप का पहला देश है, जिसने इस अत्याधुनिक साफ्टवेयर पर रोक लगाया है। नवंबर 2022 में चैटजीपीटी के अस्तित्व में आने के बाद से इसपर चीन, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया पहले ही प्रतिबंध लगा चुके हैं। चैटजीपीटी आम इंसान की तरह प्रश्नों का विस्तारपूर्वक जवाब देने में सक्षम है।

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चैटजीपीटी और अमेरिकी कंपनी के खिलाफ जांच

इटली का डाटा संरक्षित रखने वाली एजेंसी की ओर से कहा गया है कि वह अमेरिकी स्टार्टअप ओपनएआइ की ओर से विकसित साफ्टवेयर पर रोक लगा रहा है। अधिकारियों की ओर से कहा गया कि चैटजीपीटी और अमेरिकी कंपनी ओपनएआइ के खिलाफ जांच की जा रही है।

हम यह जांच कर रहे हैं कि क्या इसमें हमारी डाटा सुरक्षा नियम का उल्लंघन हुआ है।अपने आदेश में अधिकारियों की ओर से इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि उन उपयोगकर्ताओं को जानकारी प्रदान नहीं की जाती जिनका डाटा ओपन एआइ द्वारा एकत्र किया जाता है।

इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि प्लेटफार्म पर निर्भर एल्गोरिदम को प्रशिक्षित करने के लिए व्यक्तिगत डाटा के बड़े पैमाने पर संग्रह और उनका उपयोग करने वाला कोई कानूनी आधार नहीं है।

इटली डाटा संरक्षण प्राधिकरण ने कहा कि ओपनएआइ को दिए आदेश का पालन करने के लिए लागू उपायों के बारे में 20 दिनों के भीतर सूचित करना होगा। ऐसा नहीं करने पर 20 मिलियन यूरो या कुल विश्वव्यापी वार्षिक कारोबार का चार प्रतिशत तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।


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