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    हिजाब विरोध में गिरफ्तार हाई-प्रोफाइल कैदियों को ईरान ने किया रिहा, महसा अमिनी की मौत के बाद भड़का था आंदोलन

    महसा अमिनी की मौत के बाद भड़के महीनों के विरोध प्रदर्शनों से हिली ईरान सरकार ने अपने आलोचकों को खुश करने की एक कोशिश के तहत दर्जन भर कैदियों को रिहा कर दिया है। बीते साल सितंबर में 22 वर्षीय महिला महसा अमिनी की हिरासत में मौत हो गई थी।

    By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Wed, 15 Feb 2023 10:00 AM (IST)
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    हिजाब विरोध में गिरफ्तार हाई-प्रोफाइल कैदियों को ईरान ने किया रिहा

    तेहरान: महसा अमिनी की मौत के बाद भड़के महीनों के विरोध प्रदर्शनों से हिली ईरान सरकार ने अपने आलोचकों को खुश करने की एक कोशिश के तहत दर्जन भर कैदियों को रिहा कर दिया है।

    मालूम हो कि बीते साल सितंबर महीने में 22 वर्षीय ईरानी कुर्द महिला महसा अमिनी की हिरासत में मौत हो गई थी जिसके बाद कई शहरों में विरोध प्रदर्शन भड़क गए थे हालांकि, बीते महीनों में ऐसे विरोध प्रदर्शनों में गिरावट आ गई थी।

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    महसा अमिनी की कथित तौर पर ड्रेस नियमों को तोड़ने के बाद उनकी गिरफ्तारी के दौरान मौत हो गई थी। ईरान में ड्रेस नियमों के तहत महिलाओं को हिजाब हेडस्कार्व्स पहनने का नियम है। वहीं अमिनी की मौत के बाद कई महीनों तक ईरान के शहरों में अशांति का वातावरण रहा जिसे ईरान ने विदेशी ताकतों के उकसाने वाले "दंगों" का नाम दिया।

    इस दौरान दंगों में सैकड़ों लोग मारे गए थे, उनमें से हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया, साथ ही चार दोषियों को फांसी दी गई।

    माना जा रहा है कि हिरासत में लिए गए लोगों में से कई लोग अभी भी सलाखों के पीछे हैं और जो जमानत पर बाहर हैं, उन्हें उनके खिलाफ चल रहे कानूनी मामलों का सामना करना पड़ रहा है।

    लेकिन जैसा कि सड़क पर तनाव कुछ हद तक शांत हो गया है, ईरान ने हाल के हफ्तों में हाई-प्रोफाइल बंदियों के एक समूह को रिहा कर दिया है। ईरान द्वारा उठाए गए इस कदम को महीनों की उथल-पुथल के बाद शांत करने के प्रयास के रूप में देखा गया है।

    कैदियों के रिहा होने के बाद अखबार एतेमाद ने अपने मुख्य पृष्ठ पर 50 लोगों की तस्वीरें छापी जिनमें फिल्म निर्माता मोहम्मद रसूलोफ, फ्रांसीसी-ईरानी शोधकर्ता फरीबा अदेलखाह, कार्यकर्ता फरहाद मेसामी, सबा कोर्डाफशरी और मोहम्मद हबीबी और फोटोग्राफर नौशीन जाफरी शामिल थे। जाने-माने डायरेक्टर जफर पनाही को भी कुछ दिन पहले रिलीज किया गया था।

    पत्रकार मजीर खोसरावी, जो 2009 के बाद से कई बार जेल जा चुके हैं और नवीनतम विरोध प्रदर्शनों में संक्षिप्त रूप से हिरासत में लिए गए थे, ने कहा कि, जहां तक मुझे याद है, इस माफी का दायरा अभूतपूर्व है।

    ईरान की जेलों में अभी भी राजनेताओं, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को रखा गया है जिन्होंने अधिकारियों की आलोचना की है।

    अमिनी की मौत पर सबसे पहले लोगों का ध्यान आकर्षित करने वाले दो पत्रकार, इलाहे मोहम्मदी और निलोफर हमीदी विरोध के बीच हिरासत में लिए गए उनके लगभग एक दर्जन सहयोगियों के साथ सलाखों के पीछे हैं।

    जेल में अभी भी अन्य प्रमुख व्यक्तियों में राजनेता फैजह हाशमी और मुस्तफा ताजदेह, समाजशास्त्री सईद मदनी, कार्यकर्ता मेहदी महमूदियन और फतेमेह सेपेहरी, और वकील अमीरसलार दावौदी और मुस्तफा निली शामिल हैं।

    सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई ने इस्लामी गणराज्य की 44वीं वर्षगांठ से पहले न्यायपालिका प्रमुख घोलमहोसैन मोहसेनी इजेई के एक प्रस्ताव पर फरवरी की शुरुआत में आंशिक माफी को मंजूरी दे दी।

    न्यायपालिका के पूर्व प्रमुख रईसी ने कहा, छात्रों और सांस्कृतिक, खेल और मीडिया हस्तियों को जो अवैध कार्यों के कारण प्रतिबंधों के अधीन हैं, उन्हें माफ कर दिया जाएगा।

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