ईरान में 7 लोगों को मौत की सजा, इजरायल के लिए काम करने का आरोप
ईरान ने सुरक्षाकर्मियों और एक मौलवी की हत्या के दोषी सात लोगों को शनिवार को फांसी दे दी। इनमें से छह जातीय अरब अलगाववादी थे जिन्हें खोर्रमशहर में सशस्त्र हमले और विस्फोट के लिए दोषी पाया गया था जिसमें चार सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। एक अन्य व्यक्ति को 2009 में एक सरकार समर्थक सुन्नी मौलवी की हत्या का दोषी ठहराया गया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान ने शनिवार को सुरक्षाकर्मियों और एक मौलवी की हत्या के दोषी सात लोगों को फांसी दे दी। छह लोग जातीय अरब अलगाववादी थे, जिनको खोर्रमशहर में सशस्त्र हमले और विस्फोट के लिए दोषी ठहराया गया था। हमले में चार सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।
वहीं, एक अन्य शख्स समन मोहम्मदी खियारेह को 2009 में कुर्द में सरकार समर्थक सुन्नी मौलवी ममौस्ता शेख अल-इस्लाम की हत्या का दोषी ठहराया गया था। आरोप है कि इन लोगों के इजरायल से संबंध थे। हालांकि, मानवाधिकार समूहों का कहना है कि ईरान इस तरह के आरोप लगाता रहता है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, ईरानी अधिकारियों ने 2025 में अब तक 1,000 से अधिक लोगों को फांसी दी है, जो 15 वर्षों में समूह द्वारा दर्ज किया गया सबसे अधिक वार्षिक आंकड़ा है। संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने फांसी दिए जाने की आलोचना की है।
(समाचार एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ)
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