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    'पाकिस्तान के साथ एक शर्त पर बात होगी...', भारत ने की PAK की इंटरनेशनल फजीहत; शशि थरूर ने क्या कहा?

    By Agency Edited By: Piyush Kumar
    Updated: Tue, 03 Jun 2025 11:53 PM (IST)

    शशि थरूर के नेतृत्व में भारत के सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों ने विश्व नेताओं के सामने आतंकवाद के प्रति भारत की शून्य सहिष्णुता की नीति को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है। उन्होंने पाकिस्तान से कहा कि यदि वह अपने यहां स्थित आतंकी ढांचों के खिलाफ कार्रवाई करता है तो भारत उससे बातचीत के लिए तैयार है।

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    आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करे पाकिस्तान: शशि थरूर।(फाइल फोटो)

    पीटीआई, ब्रासीलिया। पहलगाम हमले और उसके बाद चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दुनियाभर में भारत का पक्ष रख रहे भारत के सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों ने विश्व नेताओं के समक्ष आतंकवाद के प्रति भारत के शून्य सहिष्णुता के संदेश को प्रभावी तरीके से रखा है।

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    उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत, पाकिस्तान से बात कर सकता है अगर वह अपने यहां स्थित आतंकी ढांचों पर स्पष्ट कार्रवाई करे।

    आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करे पाकिस्तान: शशि थरूर 

    कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने ब्राजील में कहा, 'आप (पाकिस्तान) आतंकवाद के इन बुनियादी ढांचों पर कार्रवाई करें जो आपके देश में हर जगह दिखाई दे।

    फिर हम बात कर सकते हैं। हम उनसे हिंदुस्तानी में, पंजाबी में या फिर अंग्रेजी में बात कर सकते हैं। पाकिस्तान के साथ साझा आधार तलाशने में कोई समस्या नहीं है। समस्या शालीनता और शांति के लिए साझा दृष्टिकोण तलाशने में है।

    'हम शांति और विकास चाहते हैं'

    हम पाकिस्तान पर कब्जा करना या फिर इसे फिर भारत का हिस्सा नहीं बनाना चाहते। हम शांति और विकास चाहते हैं। वे हमें अकेला नहीं छोड़ना चाहते, वे हमें परेशान करना चाहते हैं। वे भारत को 1,000 घाव देकर मारना चाहते हैं। भारत इतनी आसानी से नहीं मर सकता। बेहतर होगा कि इस विचार को त्याग दें।'

    जब उनसे पूछा गया कि क्या विभिन्न देश आतंकवाद के विरुद्ध भारत के रुख को स्वीकार कर रहे हैं तो थरूर ने कहा कि उनका प्रतिनिधिमंडल अब तक चार देशों (गुयाना, पनामा, कोलंबिया व ब्राजील) की यात्रा कर चुका है और इन देशों में यह बात बहुत स्पष्ट रही। कोलंबिया का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं कहूंगा कि सभी चार देशों में हमें बहुत ही स्पष्ट सफलता मिली है। हमने अपना संदेश स्पष्ट रूप से पहुंचा दिया है, यहां तक कि उन लोगों तक भी जिन्हें कुछ गलतफहमी हो सकती है।'

    प्रतिनिधिमंडल ने भारत-ब्राजील मित्रता मोर्चे के प्रेसीडेंट एवं सीनेट की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष और ब्राजील के राष्ट्रपति की विशेष सलाहकार समिति के मुख्य सलाहकार के साथ फलदायी बातचीत भी की। उन्होंने ब्राजील के उपराष्ट्रपति से भी भेंट की।लंदन में भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने ब्रिटिश सरकार के मंत्रियों, सांसदों, पार्टी नेताओं, थिंक टैंक और भारत मैत्री समूहों से मुलाकातें कीं।

    प्रतिनिधिमंडल को इस दौरान व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ जिसमें वैश्विक सुरक्षा, न्याय एवं रणनीतिक साझेदारी के प्रति साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई। लंदन से यह दल ब्रसेल्स जाएगा। राकांपा (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले की अध्यक्षता वाले प्रतिनिधिमंडल ने मिस्त्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती से मुलाकात की। इस दौरान अब्देलती ने आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की और इस मुद्दे पर गहरे द्विपक्षीय सहयोग को दोहराया।

    भारतीय दल ने अरब लीग के महासचिव अबुल घीत से भी मुलाकात की और व्यापक मुद्दों पर चर्चा की।द्रमुक सांसद कनीमोरी करुणानिधि की अगुआई वाले प्रतिनिधिमंडल ने स्पेन की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान विभिन्न अधिकारियों एवं सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से बात की और भारत की आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति को रेखांकित किया।

    दल के सदस्य एवं सपा सांसद राजीव राय ने कहा कि आतंकवाद के विरुद्ध सभी दलों ने भारत का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे बड़ा आतंकी संगठन पाकिस्तान की सेना है और आतंकवाद उनके डीएनए में है। मलेशिया में जदयू सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात में विभिन्न नेताओं ने शांति के प्रति मलेशिया की प्रतिबद्धता को दोहराया और आतंकवाद से लड़ाई में भारत का ²ष्टिकोण बताने के लिए प्रतिनिधिमंडल को धन्यवाद दिया।

    शिवसेना नेता श्रीकांत शिंदे की अगुआई वाले प्रतिनिधिमंडल ने लाइबेरिया की अपनी तीन दिवसीय यात्रा पूरी कर ली। इस दोनों पक्षों ने शांतिपूर्ण, सुरक्षित एवं आतंकवाद मुक्त दुनिया के लिए साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। इस दौरान लाइबेरिया की संसद के दोनों सदनों ने पहलगाम पीड़ितों के सम्मान में मौन भी रखा। सीनेट के अध्यक्ष ने ¨शदे को संबोधन के लिए आमंत्रित किया। इस तरह पहली बार किसी भारतीय सांसद ने लाइबेरिया की सीनेट में भाषण दिया।