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अफगानिस्‍तान में सरेंडर करने वाले आईएस आतंकियों में भारतीय भी शामिल : यूएन रिपोर्ट

In UN report अफगानिस्‍तान में पिछले साल सरेंडर करने वाले आईएस (Islamic State) की एक ईकाई के 1400 से ज्यादा आतंकियों में कुछ भारतीय भी शामिल थे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 04:47 PM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 05:02 PM (IST)
अफगानिस्‍तान में सरेंडर करने वाले आईएस आतंकियों में भारतीय भी शामिल : यूएन रिपोर्ट
अफगानिस्‍तान में सरेंडर करने वाले आईएस आतंकियों में भारतीय भी शामिल : यूएन रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र, पीटीआइ। अफगानिस्‍तान में पिछले साल सरेंडर करने वाले आईएस (Islamic State) की एक ईकाई के 1,400 से ज्यादा आतंकियों में कुछ भारतीय भी शामिल थे। इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड लेवांट खोरासन (ISIL-K), अलकायदा (Al Qaeda) और इससे जुड़े संगठनों पर संयुक्‍त राष्‍ट्र की प्रतिबंध निगरानी टीम की 25वीं रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है। मालूम हो कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति (1267 Al Qaeda Sanctions Committee) ने पिछले साल आईएसआईएल-के को ब्‍लैक लिस्‍ट कर दिया था। 

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संयुक्‍त राष्‍ट्र की इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अफगान सुरक्षाबलों और तालिबान आतंकवादियों ने आईएसआईएल-के को बहुत नुकसान पहुंचाया और नांगरहार प्रांत के बड़े इलाके से उसे बेदखल कर दिया। जनवरी 2020 रिपोर्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि ISIL-K से जुड़े आतंकियों पर निर्भर लोगों समेत 1,400 से ज्यादा आतंकियों ने अफगान अधिकारियों के सामने सरेंडर किया जिनमें अधिकतर लोग अफगानिस्‍तान के नागरिक थे। इनमें अजरबैजान (Azerbaijan), कनाडा (Canada), फ्रांस (France), भारत, मालदीव (Maldives), पाकिस्तान (Pakistan), ताजिकिस्तान (Tajikistan), तुर्की और उज्बेकिस्तान के भी लोग थे। 

इस रिपोर्ट में किस देश के कितने लोग थे उनकी संख्‍या तो नहीं बताई गई है लेकिन कहा गया है कि इस संगठन यानी ISIL Khorasan के अफगानिस्तान में करीब 2,500 आतंकी हैं। इनमें से 2,100 तो अकेले कुन्नार प्रांत में ही सक्रिय हैं। बता दें कि ISIL-K अफगानिस्तान और पाकिस्तान में आईएसआईएल की सक्रिय शाखा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएसआईएल-के इंटरनेट के जरिए भर्ती करने का अभियान चलाए हुए है। यह आतंकी संगठन काबुल समेत अफगानिस्तान के विभिन्न हिस्सों में कॉलेज, विश्‍वविद्यालय और मदरसों में कंट्टरपंथी प्रचार अभियान चलाता है।


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