भारतीय मूल के व्यक्ति पर ब्रिटेन में हॉकी स्टिक से खिड़की तोड़ने पर लगा जुर्माना, गाड़ी चलाने पर भी प्रतिबंध
48 वर्षीय जोतिंदर सिंह पिछले साल हुए विवाद के संबंध में हाल ही में लीसेस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने पेश हुए। अदालत में उनके खिलाफ लगे दो आरोपों को स्वीकार करने के बाद उन्हें 22 महीने के लिए गाड़ी चलाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। (प्रतीकात्मक फोटो)

लंदन, पीटीआई। हॉकी स्टिक से आवासीय कॉलोनी की खिड़की तोड़ने के लिए 48 वर्षीय भारतीय मूल के एक व्यक्ति पर ब्रिटेन की एक अदालत ने जुर्माना लगाया है। इसके अलावा उनपर कई और भी आरोप लगाए गए हैं, जिसके तहत उसके गाड़ी चलाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। बता दें कि आरोपी जोतिंदर सिंह ने पार्किंग विवाद के बाद आपराधिक नुकसान पहुंचाने की बात स्वीकार की है।
जोतिंदर सिंह पर लगा जुर्माना
48 वर्षीय जोतिंदर सिंह पिछले साल हुए विवाद के संबंध में हाल ही में लीसेस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने पेश हुए। अदालत में उनके खिलाफ लगे दो आरोपों को स्वीकार करने के बाद उन्हें 22 महीने के लिए गाड़ी चलाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। 'लीसेस्टरशायर लाइव' में एक अदालत की रिपोर्ट के अनुसार, जोतिंदर सिंह जो पूर्वी इंग्लैंड शहर में फ्लैटों के एक ब्लॉक के निवासी हैं। उन्होंने पिछले साल 7 सितंबर को गलत जगह पर कार पार्क करन से रोकने पर हॉकी स्टिक से एक खिड़की तोड़ दी थी।
क्या कहा सिंह के वकील साइमन ने
सिंह के वकील साइमन मियर्स ने अदालत को बताया, 'यह फ्लैटों के ब्लॉक में दरबान के साथ विवाद था। उनकी पार्किंग की जगह ले ली गई थी और वह उन स्थितियों में गलत जगह पर पार्किंग करने की कोशिश कर रहे थे।' वकील ने बताया, 'दरबान के साथ एक बहस हुई जिसने उसकी कार पर A4 कागज का टुकड़ा चिपका दिया था और सिंह ने कहा कि उनकी कार के खिलाफ साजिश की गई थी और उन्होंने अपना गुस्सा दरबान की खिड़की पर निकाला है।' दोनों के बीच कहासुनी के बाद वह हॉकी स्टिक लेने के लिए अपने फ्लैट पर गया और उसका इस्तेमाल कंसीयज ऑफिस की खिड़की को तोड़ने के लिए किया।
घटना के बाद आवासीय भवन से निकाले गए सिंह
इस घटना के बाद जोतिंदर सिंह को आवासीय भवन से बेदखल कर दिया गया था और पिछले साल एक सिविल कोर्ट की सुनवाई के बाद हुए नुकसान के लिए वह GBP 2,000 चुका रहे हैं। इसके अलावा, पिछले सप्ताह, मजिस्ट्रेट की अदालत ने उस पर कुल 480 GBP का जुर्माना लगाया, जिसमें 192 GBP का पीड़ित अधिभार और 85 GBP का अदालती खर्च शामिल है।
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