'इस्कॉन पर नहीं लगेगा प्रतिबंध, नए बांग्लादेश को समझे भारत', विदेश सचिव के ढाका दौरे से पहले यूनुस सरकार का बयान
बांग्लादेश में हिंदुओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। इस बीच बांग्लादेश सरकार में प्रभारी मंत्री महफूज आलम ने एक पोस्ट साझा कर कहा कि भारत को अपनी सोच बदलनी होगी उसे नए बांग्लादेश की वास्तविकताओं को समझना होगा। इसी के साथ बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने कहा है कि शेख हसीना के शासनकाल में सभी कुछ नष्ट कर दिया गया था।
पीटीआई, ढाका। Bangladesh News: बांग्लादेश सरकार ने साफ किया है कि भगवान कृष्ण आराधकों की संस्था इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने का उसका कोई इरादा नहीं है। यह बात सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने ने कही है। आलम ने यह बात देशद्रोह के आरोप में इस्कान से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के सिलसिले में उठ रही चर्चाओं के बीच कही है। आलम ने कहा कि उनकी सरकार भारत के साथ मजबूत संबंध चाहती है। उनका यह बयान भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी के ढाका दौरे से ठीक पहले आया है।
भारत को जुलाई-अगस्त में बांग्लादेश में हुए राजनीतिक बदलाव को स्पष्ट रूप से मान्यता देनी चाहिए। इस बदलाव में शेख हसीना की सरकार को हटा दिया गया था। अब हमारे द्विपक्षीय सहयोग की नए सिरे से शुरुआत होनी चाहिए। यह बात बांग्लादेश सरकार में प्रभारी मंत्री महफूज आलम ने फेसबुक पोस्ट में कही है। बांग्लादेश सरकार में प्रभारी मंत्री महफूज आलम हसीना सरकार को हटाने वाले छात्रों के आंदोलन के नेतृत्व मंडल में शामिल थे।
पोस्ट में क्या कहा गया?
पोस्ट में कहा गया है कि भारत सरकार बांग्लादेश को लेकर ऐसी छवि बनाने की कोशिश कर रही है कि वहां पर उग्रवादी, हिंदू विरोधी और इस्लामिक ताकतों ने सत्ता पर कब्जा कर लिया है। भारत को अपनी सोच बदलनी होगी उसे नए बांग्लादेश की वास्तविकताओं को समझना होगा। महफूज आलम वही शख्स हैं जिन्हें सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने अमेरिका में ब्रेन बिहाइंड द रिवोल्यूशन बताते हुए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से परिचय कराया था।
बड़े बदलाव के बाद होंगे बांग्लादेश में चुनाव: यूनुस
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने कहा है कि शेख हसीना के शासनकाल में सभी कुछ नष्ट कर दिया गया था। संविधान और न्यायिक व्यवस्था में बदलाव करने के बाद देश में चुनाव कराए जाएंगे। यूनुस ने यह बात जापान के अखबार निक्केई एशिया को दिए साक्षात्कार में कही है। उन्होंने कहा, हमें अर्थव्यवस्था, शासन, नौकरशाही और न्यायपालिका में बड़े बदलाव करने होंगे, इसके बाद हम चुनाव कराने की स्थिति में पहुंचेंगे।
यूनुस ने कहा, इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के मामलों की सुनवाई पूरी होने पर यदि उन्हें दंडित किया गया तो भारत से उनके प्रत्यर्पण की मांग की जाएगी। अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार प्रत्यर्पण के समझौते पर भारत और बांग्लादेश ने हस्ताक्षर किए हैं, ऐसे में समझौते का पालन करते हुए हसीना का प्रत्यर्पण करने की उसकी जिम्मेदारी बनती है।
बांग्लादेश में 700 दुर्दांत अपराधी लापता
बांग्लादेश में अगस्त में शेख हसीना सरकार को हटाने के आंदोलन के दौरान देश में कई जेलों पर हमला कर उनमें बंद कैदियों को मुक्त करा लिया गया था। जेलों के इंस्पेक्टर जनरल सैयद मुहम्मद मोतहर हुसैन ने बताया है कि आंदोलन के दौरान करीब 2,200 कैदी फरार हो गए थे। बाद में उनमें से करीब 1,500 को बाद में पकड़ लिया गया लेकिन 700 अभी भी फरार हैं। फरार कैदियों में कई दोषी आतंकी और मौत की सजा पाए अपराधी भी हैं।
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