UNHRC Session: अल्पसंख्यकों के अधिकारों की हिफाजत करता है भारत- इंद्रमणि पांडे
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 49वें सत्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि इंद्रमणि पांडे ने भारत को धर्मनिरपेक्ष देश बताते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की मूल भावना अल्पसंख्यकों के अधिकारों की पूरी निष्ठा के साथ हिफाजत करता है।

जेनेवा, एएनआइ। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि इंद्रमणि पांडे ( Indramani Pandey) ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (United Nations Human Rights Council, UNHRC) के 49वें सत्र को संबोधित किया। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि भारत धर्मनिरपेक्ष (secular) देश है और यह लोकतंत्र के आवश्यक और अनिवार्य हिस्से 'अल्पसंख्यकों के अधिकारों' की हिफाजत कर रहा है। उन्होंने कहा, ' महिलाओं, लड़कियों और अल्पसंख्यकों समेत अपनी जनता की सभी आधारभूत जरूरतों की आपूर्ति को लेकर भारत प्रतिबद्ध है।' यूक्रेन रूस जंग के बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का 49वां सत्र 28 फरवरी से 1 अप्रैल 2022 तक जिनेवा में पैलेस डेस नेशंस में आयोजित किया जा रहा है।
मानवाधिकार परिषद के अध्यक्ष फेडेरिको विलेगास ने परिषद के सभी 47 सदस्यों द्वारा यूक्रेन की अपील पर इसके पक्ष में वोट देने की अपील भी की। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यूक्रेन में नागरिकों की हत्या के लिए रूस की खिंचाई की और परिषद में कहा कि रूसी सैनिक स्कूलों, अस्पतालों और आवासीय भवनों पर भी हमले किए गए।
बीते सोमवार को भारत ने अफगानिस्तान के लोगों को आवश्यक मानवीय सहायता उपलब्ध कराने की दिशा में हितधारकों के साथ समन्वय जारी रखने की बात कही। जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत के स्थायी प्रतिनिधि इंद्रमणि पांडे ने कहा, 'अफगानिस्तान के प्रति भारत का दृष्टिकोण हमेशा इस देश के लोगों के साथ ऐतिहासिक मित्रता पर केंद्रित रहा है। हम अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ हैं।' वे मानवाधिकार परिषद के 49वें सत्र के दौरान अफगानिस्तान में मानवाधिकारों के संरक्षण को और मजबूत करने संबंधी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त की रिपोर्ट पर आयोजित चर्चा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मानवीय सहायता के प्रयास के तहत भारत पहले ही अफगान लोगों के लिए 4000 मीट्रिक टन गेहूं, कोविड-रोधी टीके की करीब पांच लाख खुराकें, 13 टन आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं और सर्दियों के कपड़ों की आपूर्ति कर चुका है। उन्होंने कहा कि ये खेप संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसियों विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व खाद्य कार्यक्रम को सौंपी गईं।
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