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    भारत ने काबुल स्थित अपने दूतावास का दर्जा किया बहाल, जल्द ही भारतीय राजदूत की होगी घोषणा

    Updated: Tue, 21 Oct 2025 08:30 PM (IST)

    भारत ने काबुल स्थित अपने तकनीकी दूतावास को पूर्ण दूतावास में बदलने का फैसला किया है। विदेश मंत्रालय ने इसकी घोषणा की है। यह कदम अफगानिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दूतावास अफगान विकास और मानवीय सहायता में मदद करेगा। जल्द ही भारतीय राजदूत की घोषणा की जाएगी। तालिबान के कब्जे के बाद भारत ने अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया था, लेकिन अब दूतावास फिर से शुरू होगा।

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    भारत काबुल में फिर शुरू करेगा दूतावास (फोटो सोर्स- विकिपीडिया)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले दिनों नई दिल्ली आये अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात (तालिबान) सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के समक्ष भारत ने ऐलान किया था कि वह काबुल स्थित अपने मौजूदा तकनीकी दूतावास को फिर से पूर्णकालिक दूतावास में तब्दील करेगा।

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    सोमवार को इस ऐलान में अमल की घोषणा कर दी गई। जल्द ही काबुल में भारतीय राजदूत के नाम की भी घोषणा किये जाने की संभावना है। भारत का यह फैसला तब आया है जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। पिछले हफ्ते इन दोनों देशों की सेनाओं के बीच घमासान भी हुआ था।

    पाक-अफगान तनाव

    अफगानिस्तान के कई शहरों पर पाकिस्तान वायु सेना ने बम बरसाये हैं। जबकि तालिबानी लड़ाकों की तरफ से भी कार्रवाई में पांच दर्जन से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की सूचना है। भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, अफगानी विदेश मंत्री के भारत दौरे पर की गई घोषणा के मुताबिक भारत तत्काल प्रभाव से अफगानिस्तान स्थित अपने तकनीक दूतावास का दर्जा बढ़ा कर उसे भारतीय दूतावास में तब्दील कर रहा है।

    यह फैसला भारत की इस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह अफगानिस्तान के साथ आपसी हितों से जुड़े हर क्षेत्र में संबंधों को प्रगाढ़ करना चाहता है। भारतीय दूतावास अफगानिस्तान के संपूर्ण विकास, मानवीय आधार पर दी जाने वाली मदद, अफगानिस्तान की क्षमता विस्तार में मदद करने में बड़ी भूमिका निभा सकेगा।

    भारत ने क्या स्पष्ट किया

    भारत ने स्पष्ट किया है कि अफगानिस्तान में जो भी उसके जरिए होगा वह अफगानी समाज की प्राथमिकताओं और अपेक्षाओं के आधार पर किया जाएगा। 15 अगस्त, 2021 को तालिबान ने काबुल की सत्ता पर कब्जा कर लिया था। उसी दिन अमेरिकी सैनिकों का अंतिम विमान काबुल से वापस लौट गया था।

    पूरे अफगानिस्तान में काफी अस्थिरता थी। दुनिया के कई देशों ने अपने दूतावास को बंद कर दिया था। भारत ने भी अपने सारे राजनयिकों को बुला लिया था। कुछ स्थानीय नागरिकों को दूतावास का कार्यभार सौंपा गया था। बाद में तालिबान के सत्ता में आने के आठ महीने बाद ही भारत ने उनसे संपर्क स्थापित किया।

    अफगानी नागरिकों को होगा फायदा

    वर्ष 2023 में एक तकनीकी दल को काबुल स्थित दूतावास भेजा गया। अब एक संपूर्ण दूतावास के तौर पर काम शुरू कर दिया जाएगा जिसका सबसे ज्यादा फायदा अफगानी नागरिकों को होगा। भारत ने हाल में काबुल के लिए कई नई मदद की घोषणा की है। दूतावास में काम काज शुरू होने के बाद भारत की तरफ से दी जाने वाली मदद पर भी तेजी से फैसला होगा।