भारत-ओमान की ट्रेड डील, किसान और एमएसएमई को फायदा; रोजगार पर नया क्या?
भारत और ओमान के बीच हुए ट्रेड डील से किसानों और एमएसएमई को लाभ होगा। इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते मजबूत होंगे और कई क्षेत्रों में ...और पढ़ें

भारत-ओमान के बीच ट्रेड डील। (X-@narendramodi)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में गुरुवार को खाड़ी देश ओमान के साथ भारत ने कंप्रेहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (सीपा) पर हस्ताक्षर किए। सीपा के अमल में आते ही ओमान निर्यात होने वाले 99 प्रतिशत आइटम पर अब कोई शुल्क नहीं लगेगा। अभी ओमान निर्यात होने वाले आइटम पर कम से कम पांच प्रतिशत का शुल्क लगता है।
अगले तीन माह के भीतर सीपा पर अमल शुरू होने की संभावना है और इसके लागू होने के पहले दो साल में ओमान होने वाले निर्यात में दो अरब डॉलर का इजाफा हो सकता है। भारत और ओमान के बीच गत वित्त वर्ष 2024-25 में 10.61 अरब डॉलर का कारोबार किया गया था। इनमें भारतीय निर्यात की हिस्सेदारी 4.6 अरब डॉलर की रही और भारत ने ओमान से 6.5 अरब डॉलर का आयात किया।
मुख्य रूप से प्राकृतिक गैस, पेट्रोकेमिकल आइटम का आयात करने से ओमान के साथ हमारा व्यापार घाटे में है। सीपा के तहत भारत ने ओमान के लिए मुख्य रूप से पेट्रो केमिकल्स उत्पाद, प्रोलिपोपलिन, प्रोलिएथनिल, मार्बल, धूप व खजूर जैसे आइटम पर शुल्क में राहत दी है। इस कारण ये वस्तुएं भारत में सस्ती हो जाएंगी।
हालांकि भारत ने कृषि, डेयरी, चाय, काफी, रबर, सोना व चांदी, ज्वैलरी, टेक्सटाइल जैसे आइटम के आयात के लिए अपना दरवाजा नहीं खोला है। खजूर के आयात के लिए भी कोटा तय किया गया है।
सीपा से मुख्य रूप से ओमान में कृषि व प्रोसेस्ड खाद्य वस्तुओं के साथ इंजीनियरिंग गुड्स, लेदर आइटम, टेक्सटाइल, जेम्स व ज्वैलरी, केमिकल्स, प्लास्टिक जैसे रोजगारपरक सेक्टर के निर्यात में बढ़ोतरी होगी। इससे भारतीय किसान व एमएसएमई सेक्टर को काफी लाभ मिलेगा। क्योंकि रोजगारपरक सेक्टर के निर्यात में एमएसएमई सेक्टर की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से अधिक है।
सीपा में सर्विस सेक्टर व प्रोफेशनल्स को आसानी से सेवा देने का मौका को भी शामिल किया गया है जिससे इन दोनों सेक्टर में भी भारत को लाभ मिलेगा। पहली बार किसी देश ने व्यापार समझौते के तहत आयुष इलाज व मेडिसिन के लिए अपना दरवाजा खोला है। इससे ओमान में आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा को पैर पसारने का मौका मिलेगा।
प्रोफेशनल्स को अधिक मौका मिलने से ओमान से विदेशी मुद्रा अर्जित करने में मदद मिलेगी। अभी ओमान में सात लाख भारतीय रहते हैं और वहां से सालाना दो अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भारत में भेजे जाते हैं। ओमान सालाना 38-40 अरब डॉलर का वस्तु आयात करता है और अब जीरो शुल्क होने पर भारत को अपना निर्यात बढ़ाने का पूरा मौका मिलेगा।
ओमान सालाना छह अरब डॉलर का सिर्फ कृषि पदार्थों का आयात करता है जिसमें भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 10 प्रतिशत है। अब फल, हरी सब्जी, प्रोसेस्ड आइटम, मांस, चाय, कॉफी, अनाज, समुद्री उत्पाद, डेयरी जैसे आइटम पर शुल्क समाप्त होने से इनका निर्यात बढ़ेगा। जिन कृषि आइटम के निर्यात को मिलेगा लाभ बटर, चीज, घी, दही, चावल, गेहूं, मक्का, मोटा अनाज, काजू, केला, सेब, आम, संतरा, अनार, टमाटर, प्याज, लहसून, गोभी, भिंडी, कद्दू, आलू, सोयाबीन व अन्य खाद्य तेल, मधु।

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