बगराम एयरबेस वाले दावे पर अकेले पड़े ट्रंप! भारत ने दिया तालिबान का साथ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की नजर अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर है जिसका रूस चीन पाकिस्तान समेत कई देशों ने विरोध किया था। अब भारत भी इस विरोध में शामिल हो गया है। मॉस्को फॉर्मेट बातचीत में भाग लेने वाले देशों ने अफगानिस्तान में सैन्य ढांचा बनाने के प्रयासों को अस्वीकार किया क्योंकि इससे क्षेत्र में अशांति फैल सकती है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की नजर अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर है। कुछ दिन पहले ट्रंप ने तालीबानी हुकूमत को आदेश दिया था कि बगराम एयरबेस अमेरिका को सौंपने दिया जाए। रूस, चीन और पाकिस्तान समेत 7 अन्य देशों ने ट्रंप के इस फैसले का विरोध जताया था। वहीं, अब भारत का नाम भी इस लिस्ट में जुड़ चुका है।
हाल ही में 'मॉस्को फॉर्मेट' बातचीत के दौरान कई देशों ने अफगानिस्तान में विकास और समृद्धि लाने पर विचार किया।इस दौरान सभी देशों का मानना था कि अफगानिस्तान समेत पड़ोसी देशों में सैन्य ढांचा बनाने की कोशिशों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इससे पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता पर असर पड़ेगा।
सभी देशों ने जारी किया बयान
तालीबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने भी इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था। आयोजन के दौरान सभी देशों ने बयान जारी करते हुए कहा, "अफगानिस्तान में आतंकवाद को खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। इससे अफगान की धरती का गलत इस्तेमाल नहीं होगा और पड़ोसी देशों की सुरक्षा पर भी खतरा नहीं रहेगा।"
भारत अफगानिस्तान में शांति का पक्षधर
इस सम्मलेन में भारत, रूस, चीन के अलावा ईरान, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने भी हिस्सा लिया था। रूस में स्थित भारतीय दूतावास के अनुसार, भारत के राजदूत विनय कुमार के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने इस सम्मेलन में शिरकत की थी। इस दौरान भारत ने अफगानिस्तान और अफगान में स्वतंत्र और शांतिपूर्ण सामाजिक-आर्थिक विकास का समर्थन किया है।
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