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    India Egypt Relations: आर्थिक संकट में फंसे मिस्र का भारत ने थामा हाथ, बन रहे हैं रिश्तों के नए आयाम

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Wed, 25 Jan 2023 09:52 AM (IST)

    भारत और मिस्र के संबंधों में साल 2023 एक महत्वपूर्ण अवसर है जब दोनों देश व्यापार के साथ-साथ सुरक्षा संबंधों को भी विस्तार दे रहे हैं। मौजूदा समय में मिस्र की आर्थिक स्थिति बदहाल है। संकट के इस समय में भारत मिस्र के साथ खड़ा नजर आ रहा है।

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    India Egypt Relations business relationship strategic calculations

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। India Egypt Relations: भारत और मिस्र के बीच संबंधों की कड़ी दशकों नहीं सदियों पुरानी है। अब दोनों देशों के बीच साल 2023 नए आयामों को स्थापित करने वाला साबित होगा। मिस्र इस समय आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। संकट से उबरने के लिए उसे आर्थिक सहायता की जरूरत है। भारत भी सामरिक लिहाज से मिस्र की अहमियत को समझ रहा है। संकट के दौर से गुजर रहे मिस्र (Egypt) के लिए भारत (India) के साथ संबंध क्यों अहम हैं। भारत कैसे मिस्र के साथ साझीदार की भूमिका निभा सकता है। दोनों देशों के बीच रायनयिक और व्यापारिक संबंधों को कैसे और अधिक मजबूत किया जा सकता है कैसे संबंधों का नया युग शुरू हो सकता है ये आप हमारी इस रिपोर्ट में जान सकते हैं।

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    भारत और मिस्र के लिए अहम अवसर

    भारत और मिस्र के संबंध हमेशा से ही सौहार्दपूर्ण रहे हैं। मिस्र उन कुछ देशों में से एक है जिसने कोरोना संकट के दौर में भारत को मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई मुहैया करवाई थी। 15 अगस्त, 1947 में भारत को आजादी मिलने के तीन दिन बाद ही दोनों देशों ने औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित कर लिए थे। संबंधों की ये यात्रा साल 2023 तक आ पहुंची है। भारत और मिस्र अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे कर चुके हैं। इतना ही नहीं मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी (Abdel Fattah El-Sisi) गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं। भारत और मिस्र के संबंधों में ये एक महत्वपूर्ण अवसर है जब दोनों देश सुरक्षा संबंधों को भी विस्तार दे रहे हैं।

    अर्थिक संकट का सामना कर रहा है मिस्र

    बात करें बीते कुछ वर्षों की तो भारत और मिस्र के बीच व्यापारिक रिश्ते मजबूत हुए हैं। यहां ये जानना भी जरूरी है कि मौजूदा समय में मिस्र की आर्थिक स्थिति बदहाल है। संकट के इस समय में भारत मिस्र के साथ खड़ा नजर आ रहा है और मित्र की भूमिका निभा रहा है। मिस्र एक मुस्लिम देश है लेकिन वो हमेशा से ही पाकिस्तान की नीतियों और आतंकवाद की खिलाफत करता रहा है। शायद यहीं वजह हे कि भारत और मिस्र के संबंध मजबूत रहे हैं।  

    मिस्र में निवेशक के तौर पर उभरा भारत

    मिस्र परंपरागत रूप से भारत के सबसे महत्वपूर्ण अफ्रीकी व्यापारिक साझेदारों में से एक है। मार्च, 1978 से दोनों देश मोस्ट फेवर्ड नेशन क्लॉज पर आधारित द्विपक्षीय व्यापार समझौते से बंधे हुए हैं। हाल के वर्षों में भारत और मिस्र के बीच व्यापारिक संबंधों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 3.15 बिलियन डॉलर के वर्तमान भारतीय निवेश के साथ भारत मिस्र में सबसे बड़े निवेशक के तौर पर उभर कर आया है।

    मजबूत हो रही है साझेदारी

    सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, आईटी, फार्मास्युटिकल्स, कृषि, उच्च शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे कई क्षेत्रों में भारत और मिस्र के बीच साझेदारी मजबूत हो रही है। पिछले कुछ समय से दोनों देश रक्षा और कृषि क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर विशेष जोर दे रहे हैं। मिस्र के साथ संबंधों को और आगे बढ़ाते हुए भारत ने जी20 की अध्यक्षता के दौरान मिस्र को अतिथि देश के तौर पर भी आमंत्रित किया है।

    नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं रिश्ते

    भले ही भारत और मिस्र के बीच संबंध गहरे हों लेकिन मौजूद समय में पाकिस्तान की तरह इस मुस्लिम देश की वित्तीय हालत खराब है। महंगाई दर मिस्र में भी पाकिस्तान के लगभग बराबर है। पाकिस्तान में महंगाई 24.5 फीसदी पर पहुंच गई है तो मिस्र में भी जनता 24 फीसदी महंगाई दर के चलते बेहाल परेशान है। अब संबंधों के इस इस नए दौर में भारत मिस्र के लिए संजीवनी साबित हो सकता है और दोनों देश रिश्ते नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं।

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