लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद को न करने दें अफगान क्षेत्र का दुरुपयोग : भारत
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए न करें। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषद की बैठक में यह बात कही। भारत अफगानिस्तान में शांति स्थिरता और विकास के लिए प्रतिबद्ध है और मानवीय सहायता प्रदान कर रहा है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया है कि पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद सहित आतंकी संगठन और उनके मददगार आतंकी गतिविधियों के लिए अफगान क्षेत्र का दुरुपयोग न करें।
अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने बुधवार को कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह सुनिश्चित करने के लिए समन्वित प्रयास करने चाहिए कि आइएस, अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद सहित उनके सहयोगी आतंकी गतिविधियों के लिए अफगान क्षेत्र का दुरुपयोग न कर सकें। भारत स्थिर, शांतिपूर्ण और समृद्ध अफगानिस्तान के लिए अंतराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों का समर्थन करेगा।
भारत और अफगानिस्तान के बीच सभ्यतागत संबंध
उन्होंने कहा, हम अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने के लिए सभी संबंधित पक्षों के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हैं। भारत और अफगानिस्तान के बीच सभ्यतागत संबंध हैं। भारत अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। हरीश ने परिषद को बताया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से दो बार बात की है। भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की अफगानिस्तान द्वारा की गई कड़ी निंदा का भी स्वागत किया।
हरीश ने कहा कि अफगानिस्तान के प्रति नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है। चार साल से अधिक समय तक तालिबान शासन के अधीन रहने के बाद, अफगान लोगों को विकास सहायता और सहयोग में वृद्धि की अधिक गुंजाइश नहीं दिखी है, जबकि अफगानिस्तान पिछले महीने आए विनाशकारी भूकंप से उबर रहा है। यह समय करुणा दिखाने और गरीबी, बीमारी और भूख से पीडि़त लाखों अफगानों की मदद करने का है।
भूकंप के बाद भारत ने भेजी अफगानिस्तान को मदद
भूकंप के बाद, भारत मानवीय सहायता प्रदान करने वाले पहले देशों में से एक था। भारत ने अफगानिस्तान के प्रभावित प्रांतों में 15 टन खाद्य सामग्री पहुंचाई। आवश्यक दवाओं, स्वच्छता किट, कंबल और जनरेटर सहित 21 टन अतिरिक्त राहत सामग्री भेजी गई। अफगानिस्तान के प्रति भारत की प्रतिबद्धता सभी प्रांतों में 500 से अधिक विकास साझेदारी परियोजनाओं के माध्यम से प्रदर्शित होती है।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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