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    Papua New Guinea Landslide: भूस्खलन प्रभावित पापुआ न्यू गिनी के लिए भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ, 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता का किया एलान

    Updated: Tue, 28 May 2024 04:30 PM (IST)

    Papua New Guinea Landslide पापुआ न्यू गिनी में भारी भूस्खलन के कारण तबाही मची हुई है। इस बीच भारत ने पापुआ न्यू गिनी के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है। बता ...और पढ़ें

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    भूस्खलन प्रभावित पापुआ न्यू गिनी के लिए भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ

    पीटीआई, नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में भारी भूस्खलन के कारण तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। इस दौरान कई देशों ने पापुआ न्यू गिनी की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। वहीं, भारत ने भी पापुआ न्यू गिनी के लिए मदद की घोषणा की है।

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    बता दें कि भारत ने मंगलवार को पापुआ न्यू गिनी के लिए राहत और सहायता प्रदान करने के लिए 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर की तत्काल वित्तीय सहायता की घोषणा की है।

    24 मई को द्वीप राष्ट्र के एंगा प्रांत में भारी भूस्खलन हुआ, जिसमें सैकड़ों लोग दब गए और इस दौरान बड़ी तबाही हुई। इस देश की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भूस्खलन में 2,000 से अधिक लोग मारे गए हैं।

    विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरी संवेदना व्यक्त की और कठिनाई के समय में प्रशांत द्वीप देश को हर संभव समर्थन और सहायता देने के लिए भारत की तत्परता से अवगत कराया।

    इसमें कहा गया है, फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स कोऑपरेशन (FIPIC) के तहत एक करीबी दोस्त और भागीदार के रूप में और पापुआ न्यू गिनी के मैत्रीपूर्ण लोगों के साथ एकजुटता के संकेत के रूप में, भारत सरकार 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर की तत्काल राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण प्रयासों के लिए सहायता प्रदान करती है।

    विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत इस कठिन समय में पापुआ न्यू गिनी के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है।

    जयशंकर ने 'एक्स' पर कहा, हालिया भूस्खलन के बाद पापुआ न्यू गिनी में जानमाल के नुकसान से बहुत दुखी हूं।

    उन्होंने कहा, हमारी संवेदनाएं सरकार और लोगों के साथ हैं। भारत इस कठिन समय में अपने दोस्तों के साथ एकजुटता से खड़ा है।

    विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई कठिनाई और तबाही के समय पापुआ न्यू गिनी के साथ मजबूती से खड़ा रहा है, जैसे कि 2018 में भूकंप और 2019 और 2023 में ज्वालामुखी विस्फोट के बाद खड़ा था।

    एक बयान में कहा गया, नवंबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित भारत की इंडो-पैसिफिक महासागर पहल (आईपीओआई) का एक महत्वपूर्ण स्तंभ आपदा जोखिम में कमी और प्रबंधन है।

    इसमें कहा गया है कि भारत मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) के लिए प्रतिबद्ध है और एक जिम्मेदार और दृढ़ प्रतिक्रियाकर्ता बना हुआ है।

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