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    हमारे बुरे वक्त में भारत ने देश को आर्थिक संकट से उबारने में की मदद, श्रीलंका के विदेश मंत्री ने जताया आभार

    By AgencyEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Wed, 08 Mar 2023 04:14 PM (IST)

    साबरी ने कहा बुरा समय आने पर आपके असली दोस्तों की परीक्षा होती है। जरूरत में एक दोस्त और वास्तव में एक दोस्त जो वे कहते हैं उसमें भारत हमारे साथ खड़ा रहा। इसलिए हम भारत के बहुत आभारी हैं कि उसने हमारे लिए जो किया है।

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    साबरी ने कहा, 'बुरा समय आने पर आपके असली दोस्तों की परीक्षा होती है।

    नई दिल्ली, एएनआई। आजादी के बाद श्रीलंका ने पिछले साल अपने सबसे बुरे दौर का सामना किया। देश की आर्थिक व्‍यवस्‍था पूरी तरह से चौपट हो गई। यही नहीं जनता की बुनियादी जरूरतें पूरी कर पाने में सरकार असफल रही। पेट्रोल-डीजल से लेकर दूध और दूसरी खाद्य सामग्रियां इतनी महंगी हुईं कि लोग इन्हें खरीद पाने में असमर्थ हो गए। ऐसे में श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबारने में भारत ने अहम भूमिका निभाई।‌

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    श्रीलंका के विदेश मंत्री ने भारत को बताया सच्चा दोस्त

    श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने मंगलवार को जारी पोडकास्ट में कहा कि भारत सरकार ने देश को आर्थिक संकट से उबारने में मदद के लिए कुछ साहसिक फैसले लिए। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ भारतीय जनता भी श्रीलंका का समर्थन करने के लिए आगे आई जो एक बड़ी बात थी। उन्होंने भारत को असली दोस्त भी कहा।

    किसी भी अन्य देश की तुलना में भारत सबसे आगे

    श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने 'आइडियाज पॉड' कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत ने किसी भी अन्य देश की तुलना में श्रीलंका की अधिक मदद की, खासकर जब द्वीप राष्ट्र एक अभूतपूर्व संकट से जूझ रहा था।

    साबरी ने कहा, 'बुरा समय आने पर आपके असली दोस्तों की परीक्षा होती है। जरूरत में एक दोस्त और वास्तव में एक दोस्त जो वे कहते हैं, उसमें भारत हमारे साथ खड़ा रहा। इसलिए हम भारत के बहुत आभारी हैं, कि उसने हमारे लिए जो किया है।'

    भारत के इस साहसिक निर्णय

    श्रीलंका के विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि देश के बुरे वक्त में भारत सरकार ने द्वीप राष्ट्र को लगभग 3.9 बिलियन द्विपक्षीय ऋण और मान्यता प्रदान करके कुछ बहुत ही साहसिक, निर्णायक कार्रवाई की। उन्होंने आगे कहा कि यह वह रेखा है, जिसने श्रीलंका को एक और दिन के लिए लड़ाई लड़ने की जीवन रेखा दी, जिसने शायद दिवालिया देश को गुमनामी से बचा लिया।