बदलाव की बयार: सऊदी अरब के इतिहास में पहली बार मक्का मस्जिद में दिखाई दी महिला सुरक्षाकर्मी
सऊदी अरब लगातार महिलाओं से जुड़े मामलों में कई अहम फैसले ले रहा है। इस बार सऊदी अरब ने वहां की पवित्र मक्का मस्जिद में महिला सुरक्षाकर्मी की तैनाती कर दुनिया को ये संदेश देने की कोशिश की है कि वो बदल रहा है।
मक्का (एएनआई)। महिलाओं के मामले में लगातार अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहे सऊदी अरब ने ईद के दिन वो फैसला लिया जो आज से पहले किसी ने सोचा भी था। आपको बता दें सऊदी अरब के इतिहास में पहली बार किसी महिला सुरक्षाकर्मी को पवित्र मक्का मस्जिद में ईद की नमाज के दौरान तैनात किया गया। इस वर्ष यहां पर हजारों लोग हज के लिए आए हैं। यहां आने पर एक महिला को सुरक्षाकर्मी की वर्दी में यहां पर तैनात देखना हर किसी के लिए सुखद अहसास रहा। ये वहां पर महिला सशक्तिकरण को दर्शा रहा है।
इस मौके पर ट्विटर ने भी लिखा कि मक्का के इतिहास में पहली बार किसी महिला सुरक्षाकर्मी की तैनाती पवित्र मस्जिद में की गई। इसको हैशटैग हज और हैश टैग वूमेन एंपावरमेंट कर ट्वीट किया गया है। इसमें ये भी कहा गया है कि काफी वर्षों के बाद लेकिन अब भी देर से नहीं। आपको बता दें कि कोरोना काल में सऊदी अरब ने हज के लिए में आने वालों की संख्या काफी कम कर दी है।
यहां पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। आपको बता दें कि इस्लाम में हज पांच प्रमुख चीजों में से एक है। अलजजीरा के मुताबिक रविवार को यहां पर करीब दस हजार हज श्रद्धालुओं ने यहां की परिक्रमा की। इस दौरान एक दूसरे से दूरी बनाने और मास्क लगाने जैसे नियमों का कड़ाई से पालन किया गया। कोरोना वायरस महामारी और इसके डेल्टा वैरिएंट के मद्देजर इस बार सऊदी अरब ने अपने 60 हजार नागरिकों को हज की इजाजत दी है।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि सऊदी अरब में महिलाओं से जुड़े बड़े फैसलों के पीछे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की अहम भूमिका रही है। उन्होंने काफी पहले इस मामले में अपने विजन 2030 का खुलासा किया था। इसके बाद से वहां पर महिलाओं को ड्राईविंग का अधिकार, मैच देखने का अधिकार, घर से बिना मर्द के विदेश यात्रा का अधिकार समेत कई फैसले किए हैं।