परमाणु ठिकानों की जांच के लिए ईरान पर दवाब बढ़ा रहा IAEA, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के प्रस्ताव को 19 देशों का मिला समर्थन
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ईरान के परमाणु स्थलों की जांच के लिए दबाव बढ़ा रही है। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के प्रस्ताव को 19 देशों का समर्थन मिला है। यह प्रस्ताव ईरान से परमाणु कार्यक्रम में पारदर्शिता बरतने और IAEA के साथ सहयोग करने का आह्वान करता है। यह घटनाक्रम ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चिंता को दर्शाता है।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम। (रॉयटर्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था के 35 देशों से बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के संबंध में गुरुवार को एक प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव में कहा गया कि ईरान को बगैर देर किए अपने संवर्धित यूरेनियम भंडार और अमेरिकी बमबारी वाले परमाणु स्थलों की स्थिति के बारे में सूचित करना चाहिए।
प्रस्ताव का एक अन्य उद्देश्य ये भी है कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) ईरान के संबंध में अपनी रिपोर्ट अपडेट कर सके। प्रस्ताव के मुताबिक ईरान अपनी उन परमाणु साइटों पर आइएईए को पहुंच उपलब्ध कराए, जहां पांच महीने पहले अमेरिका और इजरायल ने हवाई हमले किए थे। वहीं, ईरान ने चेताया था कि यदि यह प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो यह एजेंसी के साथ तेहरान के सहयोग पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।
प्रस्ताव को 19 देशों का समर्थन मिला, 3 ने किया विरोध
बोर्ड की तरफ से जारी बयान में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने कहा कि हमारा संदेश स्पष्ट है- ईरान बगैर देरी अपने सुरक्षा उपायों का समाधान करे। वह एजेंसी को परमाणु साइटों की पहुंच उपलब्ध कराए, जवाब दे और मरम्मत कार्यों की निगरानी करने दो और भरोसा जगाने में व्यावहारिक सहयोग करे। प्रस्ताव को 19 देशों का समर्थन मिला, जबकि तीन ने विरोध में वोट दिया और 12 ने इस प्रक्रिया से खुद को अलग कर लिया। रूस, चीन और नाइजर ने प्रस्ताव का विरोध किया।
ईरान ने आइएईए के इंस्पेक्टरों को देश में आने की अनुमति नहीं दी
बता दें कि इस साल जून में परमाणु साइटों पर इजरायली और अमेरिकी हमलों के बाद से ईरान ने आइएईए के इंस्पेक्टरों को देश में आने की अनुमति नहीं दी है। 13 जून को इजरायल ने पहली बार ईरान की परमाणु साइटों पर हमला किया था।
आइएईए का अनुमान था कि उन साइटों पर 440.9 किलोग्राम यूरेनियम रहा होगा, जो 60 प्रतिशत तक संवर्धित किया जा चुका था, जबकि परमाणु हथियारों के लिए 90 प्रतिशत तक संवर्धित यूरेनियम की जरूरत होती है।
शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए यूरेनियम का संवर्धन कर सकते हैं- ईरान
ईरान ने कहा था कि शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए वह जिस स्तर तक चाहे यूरेनियम का संवर्धन कर सकता है। आइएईए के मुताबिक, सिद्धांतत: अगर इस मात्रा के यूरेनियम को संवर्धित किया जा सके, तो 10 परमाणु बम तैयार किए जा सकते हैं। वहीं पश्चिमी ताकतों का कहना है कि सामाजिक कार्यों के लिए इस स्तर पर यूरेनियम संवर्धन की जरूरत ही नहीं होती है। ये सीधे-सीधे ¨चत बढ़ानेवाला मामला है।
(समाचार एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ)

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