पिज्जा डिलीवरी वाला ड्रोन हो सकता है कितना खतरनाक, राष्ट्रपति पर हमले से आया सामने
वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर ड्रोन से हुए हमले के बाद इससे सुरक्षा को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर ड्रोन से हुए हमले के बाद इससे सुरक्षा को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। राष्ट्रपति निकोलस पर यह हमला उस वक्त हुआ जब वह नेशनल गार्ड के 81वें स्थापना दिवस पर एक परेड को संबोधित कर रहे थे। उसी वक्त हवा में उड़ते ड्रोन में धमाका हुआ और वहां पर अफरा-तफरी फैल गई। इस धमाके के दो वीडियो भी सामने आए हैं। इनमें से एक में निकोलस भाषण देते हुए दिखाई दे रहे हैं और तभी धमाका हो जाता है। दूसरे वीडियो में एक ड्रोन हवा में उड़ रहा है और तभी उसमें धमाका होता दिखाई दे रहा है। इन दोनों वीडियो ने न सिर्फ वेनेजुएला के सुरक्षा विशेषज्ञों का बल्कि दुनिया भर के सुरक्षा विशेषज्ञों का ध्यान इस ओर खींचा है कि इससे कैसे बचा जा सकता है।
ड्रोन की जहां तक बात की जाए तो इससे हमले का खतरा कभी कम नहीं था। हालांकि जिस ड्रोन से राष्ट्रपति निकोलस पर हमला किया गया वह एक छोटा ड्रोन था जिसको निजी इस्तेमाल या फिर पिज्जा डिलीवरी के लिए कुछ जगह इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तरह के ड्रोन को आपने भी शादी ब्याह में वीडियो रिकॉर्डिंग करते हुए देखा होगा। लेकिन ये इतने खतरनाक भी हो सकते हैं यह पहली बार देखा गया है। इस तरह से किसी देश के राष्ट्रपति पर पहली बार हमला किया गया है।
हालांकि यदि भारत की बात करें तो एक या फिर दो बार राष्ट्रपति भवन में संदिग्ध ड्रोन जरूर देखे गए थे, जिन्हें बाद मार भी गिराया गया था। इसके अलावा दिल्ली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर भी संदिग्ध ड्रोन देखे गए हैं। इनकी वजह से सुरक्षा अधिकारी कई बार परेशान हुए हैं। आपको बता दें कि एयरपोर्ट और राष्ट्रपति भवन दोनों ही जगहों पर इस तरह से ड्रोन उड़ाना अपराध की श्रेणी में आता है। इतना ही नहीं राष्ट्रपति भवन समेत कुछ सरकारी इमारतें नो फ्लाई जोन में आती हैं। इसका अर्थ है कि इन इमारतों से हवाई जहाज के गुजरने की भी अनुमति नहीं है।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि सभी तरह के छोटे-और बड़े ड्रोन को किसी दूसरी जगह पर बैठकर नियंत्रित किया जाता है। लिहाजा इससे जुड़े संदिग्धों तक पहुंचना सुरक्षा अधिकारियों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बनता है। लेकिन जहां तक ड्रोन से जुड़े खतरों की बात करें तो फिलहाल यह कहीं अधिक हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस तरह के छोटे ड्रोन में विस्फोटक लगाकर इससे अमुक व्यक्ति को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। इतना ही नहीं इस तरह के छोटे ड्रोन को पकड़ पाना भी आसान नहीं है। कुछ बड़ी और अहम इमारतों को यदि छोड़ दें तो दूसरी इमारतों पर इसकी निगरानी कर पाना काफी मुश्किल है। वहीं ड्रोन विस्फोट के अलावा जहरीले पाउडर या अन्य जहरीले पदार्थों को भी छोड़ने में सहायक साबित हो सकता है। आतंकियों की यदि यहां पर बात की जाए तो यह और घातक साबित हो सकता है।
एक अंग्रेजी मूवी स्लोटरहाउस में भी मिनी ड्रोन के खतरे को साफतौर पर दिखाया गया है। इसके खतरे को देखते हुए ही वर्ष 2016 में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने अपने यहां पर इससे बचाव की तकनीक लगाई थी। हालांकि पेंटागन ने इसकी जानकारी देने से इंकार कर दिया था।