बांग्लादेश में अल्पसंख्यक नहीं सुरक्षित, अब हिंदू शख्स को अगवा कर दी गई यातना
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की एक और भयावह घटना सामने आई है। नरैल जिले के मौली इलाके से हथियारबंद समूहों ने एक हिंदू शख्स किंकोर दास का अपहरण कर लिया। अपहरण के एक दिन बाद जब वह मिला तो उसके शरीर पर क्रूर यातनाओं के निशान पाए गए। उसे बेरहमी से पीटा गया और मोटरसाइकिल, सोने की चेन और अंगूठी लूट ली गई थी।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की एक और भयावह घटना सामने आई है (फोटो- पीटीआई)
आईएएनएस, ढाका। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की एक और भयावह घटना सामने आई है। नरैल जिले के मौली इलाके से हथियारबंद समूहों ने एक हिंदू शख्स किंकोर दास का अपहरण कर लिया।
शरीर पर क्रूर यातनाओं के निशान पाए गए
अपहरण के एक दिन बाद जब वह मिला तो उसके शरीर पर क्रूर यातनाओं के निशान पाए गए। उसे बेरहमी से पीटा गया और मोटरसाइकिल, सोने की चेन और अंगूठी लूट ली गई थी।
अवामी लीग ने सरकार पर उठाए सवाल
अवामी लीग की ओर से कहा गया कि किंकोर दास की कहानी बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के सामने मौजूद आतंक का एक भयावह प्रमाण है। उसका अपहरण किया गया, प्रताड़ित किया गया और लूटा गया। यह कोई अकेली घटना नहीं है। यह देश की भयावह स्थिति को प्रतिबिंब करता है जो अल्पसंख्यकों के व्यवस्थित उत्पीड़न को चुपचाप अनुमति देता है।
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना करते हुए पार्टी ने कहा, ''जमात समर्थित यूनुस के अवैध शासन में मंदिरों को अपवित्र करना, मूर्तियों को तोड़ना और लक्षित हिंसा आम बात हो गई है। न्याय एक भुला दिया गया शब्द है।''
बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में वृद्धि
अंतरिम सरकार पर सवाल उठाते हुए अवामी लीग ने पूछा, ''यह कैसी सरकार है, जहां अल्पसंख्यक होना अपराध माना जाता है।'' बांग्लादेश में यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में वृद्धि देखी गई है, जिससे दुनिया भर में लोगों और कई मानवाधिकार संगठनों में आक्रोश फैल गया है।
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