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    ग्रेटा थनबर्ग के साथ इजरायल की कैद में हुई प्रताड़ना? आरोपों पर इजरायली दूतावास ने तोड़ी चुप्पी

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 12:18 PM (IST)

    Greta Thunberg मशहूर पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने इजरायली सेना पर हिरासत में बुरा बर्ताव करने का आरोप लगाया है। ग्रेटा के अनुसार उन्हें खटमल वाली जगह पर रखा गया और पर्याप्त खाना-पानी नहीं दिया गया जिससे वे डिहाइड्रेशन का शिकार हो गईं। हालांकि इजरायल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि सभी बंदियों को उचित सुविधाएं दी गई थीं।

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    ग्रेटा थनबर्ग के इजरायल पर गंभीर आरोप। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मशहूर पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग समेत मानवाधिकार के कई कार्यकर्ताओं को इजरायली सेना ने हिरासत में ले लिया था। वहीं, अब इजरायल पर ग्रेटा का गुस्सा फूट पड़ा है। उनका दावा है कि हिरासत में इजरायली सेना ने उनके साथ बेहद बुरा बर्ताव किया है।

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    ग्रेटा ने स्वीडिश अधिकारियों के सामने इसका खुलासा किया है। ग्रेटा का यह बयान इजरायली एक्शन के बाद आया है। इजरायल ने गाजा के लिए खाद्य सामाग्री लेकर जा रहे 40 छोटे जहाजों को रोक लिया था। इन जहाजों में ग्रेटा समेत 400 से ज्यादा मानवाधिकार कार्यकर्ता मौजूद थे।

    ग्रेटा के आरोप

    ग्रेटा ने स्वीडिश विदेश मंत्रालय को ईमेल लिखते हुए कहा कि इजरायल ने उन्हें एक ऐसी जेल में रखा था, जहां ढेर सारे खटमल थे। हिरासत के दौरान उन्हें पर्याप्त खाना और पानी नहीं दिया गया।

    ग्रेटा के ईमेल की जानकारी देते हुए स्वीडिश दूतावास ने बताया-

    हम ग्रेटा से मिलने में कामयाब रहे हैं। ग्रेटा का कहना है कि पर्याप्त मात्रा में पानी और खाना न मिलने से वो डिहाइड्रेशन का शिकार हो गई है। खटमलों की वजह से उसके पूरे शरीर में चकते पड़ गए हैं।

    इजरायली सेना ने शनिवार को 2 अन्य एक्टिविस्टों को भी रिहा किया है। उन्होंने भी ग्रेटा के दावों की पुष्टि की हैं। उनका कहना है कि इजरायली सेना के लोगों ने ग्रेटा को बाल पकड़कर घसीटा और इजरायल का झंडा चूमने के लिए भी मजबूर किया।

    इजरायल की हिरासत में ग्रेटा समेत अन्य एक्टिविस्ट। फोटो- रायटर्स

    इजरायल ने क्या कहा?

    हालांकि, इजरायली दूतावास ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। इजरायल का कहना है, "हिरासत में लिए गए सभी लोगों को खाने, पीने और शौचालय की सुविधा दी गई थी। इसके अलावा उन्हें चिकित्सा समेत सभी तरह के कानूनी अधिकार भी दिए गए थे।"

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