PM मेलोनी को क्यों आया जॉर्ज सोरोस पर गुस्सा? Elon Musk से है कनेक्शन
इटली के प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने बिजनेसमैन और इन्वेस्टर जॉर्ज सोरेस पर दूसरे देशों की राजनीति में हस्तक्षेप करने के लिए अपने पैसों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। मेलोनी ने कहा कि वामपंथी विचारधाराओं वाले अमीर और शक्तिशाली लोग अन्य लोकतांत्रिक देशों की राजनीति में दखल देने का प्रयास करते हैं। वो मोदी सरकार की नीतियों की भी आलोचना कर चुके हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने बिजनेसमैन और इन्वेस्टर जॉर्ज सोरेस (George Soros) पर दूसरे देशों की राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है। रोम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मेलोनी ने कहा, "मस्क लोकतंत्र के लिए कोई खतरा नहीं हैं। जॉर्ज सोरोस खतरा हैं।"
मेलोनी की टिप्पणियों के बाद टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने एक्स पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "और सोरोस पराजित हो रहे हैं।"
सोरोस दूसरे देशों की राजनीति में दखल दे रहे हैं: मेलोनी
पीएम मेलोने ने आगे आरोप लगाए कि जॉर्ज सोरोस दूसरे देशों की राजनीति में हस्तक्षेप करने के लिए अपने पैसों का इस्तेमाल करते हैं। मेलोनी ने आगे कहा कि "वामपंथी विचारधाराओं" वाले अमीर और शक्तिशाली लोग अन्य लोकतांत्रिक देशों की राजनीति में दखल देने का प्रयास करते हैं।
दरअसल, इटली के पत्रकारों ने जब पीएम मेलोनी से सवाल पूछा कि क्या एलन मस्क यूरोप की राजनीति में दखल दे रहे हैं? तो उन्होंने कहा कि एलन मस्क केवल अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग कर रहे हैं।
कौन हैं जॉर्ज सोरोस?
बिजनेसमैन और इन्वेस्टर जॉर्ज सोरोस कई बार भारत में भी विवाद का मुद्दा बन चुके हैं। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस पार्टी भारत को अस्थिर करने के लिए जॉर्ज सोरोस जैसे अंतरराष्ट्रीय ताकतों का सहारा लेती है।
12 अगस्त 1930 को हंगरी के बुडापेस्ट में जन्मे जॉर्ज सोरोस पर आरोप है कि उन्होंने कई देशों के अर्थव्यवस्थाओं को अस्थिर कर दिया है।
सत्तावादी शासन, आय असमानता और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी मुखर रहे हैं। उनके विरोधियों का कहना है कि वो अपनी दौलत का इस्तेमाल पॉलिटिकल नैरेटिव गढ़ने और फिलैन्थ्रॉपी की आड़ में संप्रभु सरकारों को कमजोर करने के लिए करते हैं।
मोदी सरकार की कर चुके हैं आलोचना
साल 2020 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम पर एक भाषण के दौरान उन्होंने मोदी सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने सरकार पर अधिनायकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। इसके अलावा सोरोस CAA, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की आलोचना कर चुके हैं।
उनपर आरोप लगाया गया है कि उनकी कंपनी ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (OSF) पर भारत में सरकारी नीतियों का विरोध करने वाले एनजीओ और एक्टिविस्ट को फंडिंग करती है। वहीं, वो उन लोगों का भी समर्थन करते हैं जो अलगाववाद और खालिस्तान का समर्थन करते हैं।
अलगाववादियों का करते हैं समर्थन
ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के माध्यम से, जॉर्ज सोरोस ने दुनिया भर में लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने वाली पहलों के लिए $32 बिलियन से अधिक का दान दिया है।
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