बीमारी के नाम पर छुट्टी लेने वाले कर्मचारियों पर नजर रख रही जर्मन कंपनियां, जासूसों से करा रहीं निगरानी
जर्मन कंपनियां अब कर्मचारियों की बीमारी की छुट्टी की सच्चाई का पता लगाने के लिए जासूसों की नियुक्ति करने जा रही हैं। जिन कर्मचारियों ने बीमारी के कारण लंबी छुट्टी ली है जासूस उन पर नजर रख रहे हैं। हालांकि कंपनियों के इस फैसले की अब दुनिया भर में आलोचना हो रही है। खासकर चीन में सोशल मीडिया पर इसको लेकर ज्यादा प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। काम से छुट्टी लेने के लिए बीमारी की छुट्टी का बहाना देना एक आम बात है। अक्सर कर्मचारी छुट्टी लेने के लिए बीमारी का बहाना बनाते हैं। लेकिन जर्मनी जैसे देशों के लिए ये बीमारी की छुट्टी सिरदर्द बन गई है।
जर्मनी इस समय आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। इस चुनौती से उबरने के लिए निजी कंपनियां अब कर्मचारियों की बीमारी की छुट्टी की सच्चाई का पता लगाने के लिए जासूसों की नियुक्ति करने जा रही हैं। जिन कर्मचारियों ने बीमारी के कारण लंबी छुट्टी ली है, जासूस उन पर नजर रख रहे हैं।
जर्मन कंपनियों के फैसले की हो रही आलोचना
हालांकि कंपनियों के इस फैसले की अब दुनिया भर में आलोचना हो रही है। खासकर चीन में सोशल मीडिया पर इसे ज्यादा प्रतिक्रियाएं मिलती दिख रही हैं। इस बढ़ती मांग का लाभ उठाने वाली एक एजेंसी लेंट्ज ग्रुप है, जो फ्रैंकफर्ट के सेंट्रल रेलवे स्टेशन के पास स्थित एक निजी जासूसी फर्म है। एजेंसी के संस्थापक मार्कस लेंटेज ने एएफपी को बताया कि उनकी कंपनी सालाना लगभग 1,200 मामलों को संभालती है जो कुछ साल पहले देखी गई संख्या से दोगुनी है।
कर्मचारियों की अनुपस्थिति के कारण जीडीपी में आई गिरावट
जर्मनी की राष्ट्रीय सांख्यिकीय एजेंसी 'डेस्टैटिस' द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, जर्मनी में बीमार छुट्टी मांगने वाले कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि हुई है। 2021 में प्रति कर्मचारी बीमार छुट्टी की दर 11.1 (दिन) थी, अब यह बढ़कर 15.1 (दिन) हो गई है। कर्मचारियों की अनुपस्थिति के कारण 2023 में देश की जीडीपी में 0.8 प्रतिशत की गिरावट आई।
जर्मनी की प्रमुख स्वास्थ्य बीमा कंपनी टीके ने भी इस खबर की पुष्टि की है. कंपनी के अनुसार, कर्मचारियों ने 2024 के पहले नौ महीनों में औसतन 14.13 दिन की बीमार छुट्टी ली। ओईसीडी के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में बीमारी के कारण जर्मन कर्मचारियों ने 6.8 प्रतिशत कामकाजी घंटे खो दिए। यह अनुपात अन्य यूरोपीय देशों जैसे फ्रांस, इटली और स्पेन से अधिक है।
मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाकर ली जा रही हैं छुट्टियां
विशेषज्ञों की राय है कि कोरोना महामारी के दौरान मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करने की नीति में ढील के बाद बीमारी की छुट्टी लेने में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। नई नीति के साथ, कर्मचारियों को साधारण लक्षण होने पर भी बीमारी की छुट्टी लेने के लिए चिकित्सा प्रमाणपत्र फोन पर भी उपलब्ध हैं। महामारी के दौरान लोगों की सुविधा के लिए यह व्यवस्था स्थापित की गई थी। लेकिन अब इसका दुरुपयोग बढ़ गया है और ली जाने वाली छुट्टियों की मात्रा में भी भारी वृद्धि हो गई है।
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