चुनाव में अवैध पैसे के इस्तेमाल के मामले में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति सरकोजी दोषी करार, एक साल की सजा सुनाई गई
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी 2012 में फिर से चुनाव लड़ने में असफल प्रयास के लिए गैरकानूनी फंडिंग का दोषी पाए गए हैं। उन्हें इस मामले में एक साल के हाउस अरेस्ट की सजा सुनाई गई है।
पेरिस, एपी। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी 2012 में फिर से चुनाव लड़ने में असफल प्रयास के लिए गैरकानूनी फंडिंग का दोषी पाए गए हैं। उन्हें मामले में एक साल के हाउस अरेस्ट की सजा सुनाई गई है। अदालत उन्हें इलेक्ट्रानिक मानिटरिंग ब्रेसलेट पहनकर घर पर सजा काटने की अनुमति देगी। 2007 से 2012 तक फ्रांस के राष्ट्रपति रहे सरकोजी ने कुछ भी गलत करने से साफ-साफ इनकार कर दिया है। वह फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं।
फैसले सुनाए जाने के दौरान सरकोजी पेरिस की अदालत में मौजूद नहीं थे। उन्होंने अधिकतम वैध राशि 27.5 मिलियन डालर (करीब 200 करोड़ रुपये) का लगभग दोगुना खर्च किया था। वह सोशलिस्ट कैंडि़डेट फ्रांस्वा ओलांद से हार गए थे।अदालत ने कहा कि सरकोजी जानते थे कि निर्धारित खर्च सीमा पार होने वाली है। वह अतिरिक्त खर्चो को नियंत्रित करने में विफल रहे। अभियोजन पक्ष ने छह माह जेल की सजा और 3750 यूरो (तीन लाख 22 हजार रुपये से अधिक) का जुर्माना लगाने की मांग की थी।
2007 से 2012 तक फ्रांस के राष्ट्रपति रहे सरकोजी ने मई-जून में मुकदमे के दौरान गलत काम करने से सख्ती से इनकार किया था। वह फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं। 66 वर्षीय सरकोजी को एक मार्च को भ्रष्टाचार और एक अन्य मामले में प्रभाव डालने का दोषी पाया गया था। इसके बाद अब वह गैरकानूनी फंडिंग मामले में दोषी पाए गए हैं। उन्हें उस मामले में एक साल की जेल और दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया था, लेकिन अपील लंबित है।
अभियोजकों ने तर्क दिया कि सरकोजी अपने अभियान के वित्तपोषण के लिए जिम्मेदार एकमात्र व्यक्ति हैं और उन्होंने कई रैलियों का आयोजन करके वैध राशि के खर्च की सीमा को पार कर दिया। सुनवाई के दौरान सरकोजी ने अदालत से कहा था कि अतिरिक्त पैसा उनके अभियान में नहीं लगा, बल्कि अन्य लोगों को अमीर बनाने में मदद की। उन्होंने किसी भी 'धोखाधड़ी' से इन्कार किया। उन्होंने यह भी जोर दिया कि वह संगठन को नहीं संभालते थे, क्योंकि उनके पास ऐसा करने के लिए एक टीम थी और इसलिए खर्च की राशि के लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता।