Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फ्रांस में बजट कटौती के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन, लाखों लोग सड़कों पर उतरे

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 11:45 PM (IST)

    फ्रांस में बजट कटौती योजनाओं के विरोध में राष्ट्रव्यापी मितव्ययिता विरोधी मार्च निकाला गया जिसमें लाखों लोग शामिल हुए। शिक्षक रेलवे कर्मचारी और छात्र जैसे प्रदर्शनकारियों ने दंगा पुलिस की निगरानी में कई शहरों में मार्च किया। श्रमिक संघों ने लेकोर्नू के पूर्ववर्ती फ्रांस्वा बायरू की 44 बिलियन यूरो की कटौती योजना का विरोध किया क्योंकि इससे निम्न और मध्यम वर्ग पर बोझ पड़ने की आशंका है।

    Hero Image
    फ्रांस में बजट कटौती के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध (रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फ्रांस में बजट में कटौती की योजना से नाराज लोगों ने गुरुवार को देशभर में मितव्ययिता विरोधी मार्च निकाला। साथ ही श्रमिकों ने हड़तालें कीं। इसमें लाखों लोगों ने भाग लिया। प्रदर्शनों में भाग लेने वालों में शिक्षक, रेलवे कर्मचारी, छात्र और अन्य शामिल थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रदर्शनकारी मार्सेल, नांटेस, नीस और अन्य शहरों की सड़कों पर दंगा पुलिस की कड़ी निगरानी में मार्च कर रहे थे। संभावित हिंसा और तोड़फोड़ से निपटने के लिए 80,000 सुरक्षा अधिकारियों को तैनात किया गया था। प्रदर्शन ने देश के नए प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू पर दबाव बढ़ा दिया है, क्योंकि वह साल के अंत तक कर्ज कम करने वाला बजट पारित करने की कोशिश कर रहे हैं। ये विरोध प्रदर्शन श्रमिक संघों द्वारा आयोजित किए गए, जो लेकोर्नु के पूर्ववर्ती फ्रांस्वा बायरू की अगले वर्ष के बजट से 44 बिलियन यूरो की कटौती की योजना से नाराज थे।

    खर्चों में कटौती की नीति को लेकर देशभर में गुस्सा

    पिछले सप्ताह सांसदों ने बायरू को पद से हटा दिया था और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उनके स्थान पर मध्यमार्गी लेकोर्नु को नियुक्त किया था। लेकिन बायरू की खर्चों में कटौती की उस नीति को लेकर देशभर में गुस्सा बरकरार है। यह तुरंत स्पष्ट नहीं था कि क्या लेकोर्नु अपने पूर्ववर्ती की योजनाओं को रद करेंगे या उन्हें सांसदों द्वारा संशोधन के आधार के रूप में इस्तेमाल करेंगे।

    हम एक निष्पक्ष बजट चाहते हैं- श्रमिक संघ

    श्रमिक संघों का कहना है कि बायरू के बजट जैसा कुछ भी निम्न और मध्यम वर्ग के श्रमिकों पर बोझ डालेगा, जबकि अमीरों को इससे बचा लिया जाएगा। देश के सबसे बड़े यूनियन, फ्रेंच डेमोक्रेटिक कन्फेडरेशन आफ लेबर की नेता मैरीलिस लियोन ने बताया, ''आज हम जो संदेश देना चाहते हैं वह यह है कि बजट बनाने के लिए आवश्यक प्रयासों में श्रमिक अकेले योगदानकर्ता नहीं हो सकते। हम एक निष्पक्ष बजट चाहते हैं।''

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

    यह भी पढ़ें- France New PM: मैक्रों ने रक्षा मंत्री लेकोर्नु को फ्रांस का नया प्रधानमंत्री किया नियुक्त, सामने होगी ये बड़ी चुनौती