Sri Lanka: श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति विक्रमसिंघे गिरफ्तार, सरकारी धन के दुरुपयोग का लगा आरोप
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया। वह श्रीलंका में हिरासत में लिए जाने वाले पहले पूर्व राष्ट्राध्यक्ष हैं। 76 वर्षीय विक्रमसिंघे को सीआइडी मुख्यालय में गिरफ्तार किया गया जहां उन्हें जांच के सिलसिले में बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था। विक्रमसिंघे को कोलंबो फोर्ट मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया।
पीटीआई, कोलंबो। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया। वह श्रीलंका में हिरासत में लिए जाने वाले पहले पूर्व राष्ट्राध्यक्ष हैं। 76 वर्षीय विक्रमसिंघे को सीआइडी मुख्यालय में गिरफ्तार किया गया, जहां उन्हें जांच के सिलसिले में बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था।
विक्रमसिंघे को कोलंबो फोर्ट मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया
इसके बाद, विक्रमसिंघे को कोलंबो फोर्ट मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया। छह घंटे से अधिक चली लंबी सुनवाई के बाद, मजिस्ट्रेट ने उन्हें 26 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सीआइडी ने उन पर दंड संहिता की धारा 386 और 388 तथा सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम की धारा 5(1) के तहत आरोप लगाए हैं। इन आरोपों में कम से कम एक साल और अधिकतम 20 साल की जेल की सजा का प्रविधान है।
यह जांच विक्रमसिंघे के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान सितंबर 2023 में ब्रिटेन की यात्रा से संबंधित है, जहां वे अपनी पत्नी मैत्री विक्रमसिंघे के लिए वाल्वरहैम्प्टन विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में भाग लेने के लिए गए थे।
ये है आरोप
आरोप है कि विक्रमसिंघे आधिकारिक कार्यक्रम के बाद अमेरिका से लौट रहे थे और अपनी पत्नी के निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सरकारी खर्च पर ब्रिटेन गए थे।
पूर्व राष्ट्रपति ने आरोपों को खारिज किया
जांचकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यात्रा और सुरक्षा खर्चों के लिए सरकारी धन का इस्तेमाल किया गया था। यात्रा में लगभग 1.66 करोड़ श्रीलंकाई रुपये का खर्च आया।
हालांकि, पूर्व राष्ट्रपति ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पत्नी ने अपना खर्च खुद उठाया और सरकारी धन का कोई दुरुपयोग नहीं किया गया। सीआइडी ने इससे पहले उनके कर्मचारियों से यात्रा खर्च के बारे में पूछताछ की थी।
विक्रमसिंघे को भारत समर्थक माना जाता है
विक्रमसिंघे ने 2024 के अंत तक शेष कार्यकाल के लिए गोटबाया राजपक्षे की जगह राष्ट्रपति पद संभाला था। उन्हें 2022 के आर्थिक संकट से श्रीलंका को उबारने का श्रेय दिया जाता है। विक्रमसिंघे को भारत समर्थक माना जाता है। वह जुलाई 2022 से सितंबर 2024 तक राष्ट्रपति रहे। वह छह बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।