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Gotabaya Rajapaksa: श्रीलंका से भागे राष्‍ट्रपति अगले हफ्ते करेंगे वतन वापसी, सिंगापुर पहुंच दिया था इस्‍तीफा

Gotabaya Rajapaksa रूस में श्रीलंका के पूर्व राजदूत और राजपक्षे के करीबी उदयंगा वीरातुंगा ने कहा है कि वह 24 अगस्त को अपने देश लौटेंगे। उनकी सरकार के खिलाफ देश भर में हुए हिंसक प्रदर्शनाें के कारण उन्‍हें अपने पद से इस्‍तीफा देना पड़ा था।

By Arijita SenEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2022 04:22 PM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 04:22 PM (IST)
Gotabaya Rajapaksa: श्रीलंका से भागे राष्‍ट्रपति अगले हफ्ते करेंगे वतन वापसी, सिंगापुर पहुंच दिया था इस्‍तीफा
श्रीलंका के पूर्व राष्‍ट्रपति जल्‍द ही वतन वापसी करेंगे

कोलंबो, एजेंसी। श्रीलंका (Srilanka) के पूर्व राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) अगले हफ्ते वतन वापसी करेंगे। पिछले कुछ महीनों से देश में बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच श्रीलंका से भागे राजपक्षे 14 जुलाई को सिंगापुर आए थे। गौर करने वाली बात है कि श्रीलंका सात दशकों की सबसे बड़ी आर्थि‍क संकट का सामना कर रहा हैै।

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राजपक्षे के शासनकाल में देश की हुई इस स्थिति के लिए उनकी सरकार के खिलाफ खूब हिंसक प्रदर्शन हुए। इस कारण उन्‍होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि अब रूस में श्रीलंका के पूर्व राजदूत और राजपक्षे के करीबी उदयंगा वीरातुंगा ने कहा है कि वह 24 अगस्त को श्रीलंका लौटेंगे।

राजपक्षे श्रीलंका के पहले ऐसे राष्‍ट्रपति हैं जिन्‍हें अपने कार्यकाल के बीच में पद छोड़ना पड़ा। उन्‍होंने सेना के एक विमान से देश छोड़ा था। गौरतलब है कि जुलाई में मालदीव भाग जाने के बाद राजपक्षे सिंगापुर गए, जहां उन्होंने श्रीलंका के अभूतपूर्व आर्थिक संकट पर महीनों के विरोध के बीच अपने इस्तीफे की घोषणा की थी।

इस बीच, श्रीलंका में डेली मिरर अखबार की एक रिपोर्ट में कहा गया कि राजपक्षे का 90 दिनों का थाई वीजा खत्म होने के बाद नवंबर में श्रीलंका लौट आऐंगे।

देश छोड़ने के बाद राजपक्षे की कोई सार्वजनिक उपस्थिति नहीं रही और न ही उन्‍होंने कोई टिप्‍पणी की। मालूम हो कि श्रीलंका के राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्‍तीफे के बाद अंतरिम राष्‍ट्रपति चुने गए प्रधानमंत्री राष्‍ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय से इस बारे में जानकारी के लिए फिलहाल संपर्क नहीं किया जा सका है।

गौर करने वाली बात है कि पिछले महीने रानिल विक्रमसिंघे ने कहा था कि श्रीलंका में अभी ऐसे हालात नहीं है कि वह लौटेंगे।

मालूम हो कि श्रीलंका में विदेशी मुद्रा संकट के कारण ईंधन की कमी से निर्यात उद्योग बुरी तरह प्रभावित है। लोगों का आम जीवन एक बड़ा संघर्ष बन गया है। पर्यटन उद्योग, जो श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था का एक अहम अंग था, शुरुआत में COVID-19 महामारी और बाद में आर्थिक उथल-पुथल के कारण प्रभावित हुआ है, लोगों में बहुत आक्रोश है। 


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